दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देते हुए कहा है कि हाल के वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और अब वह मजबूत स्थिति में बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यह मुक्त व्यापार समझौतों और अन्य व्यापारिक व्यवस्थाओं के प्रति भारत के दृष्टिकोण के संदर्भ में देश के बढ़ते आर्थिक आत्मविश्वास और वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
गोयल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एसोचैम के वार्षिक सम्मेलन और 105वीं वार्षिक आम बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि देश अब मुख्य रूप से उन देशों के साथ जुड़ रहा है जो भारत के प्रतिस्पर्धी नहीं हैं और यह सुनिश्चित कर रहा है कि व्यापारिक साझेदारियां संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी हों।उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक दृष्टिकोण भारत को अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करने, निर्यात को बढ़ावा देने और निवेश एवं प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग के अवसर पैदा करने में सक्षम बनाता है, साथ ही ऐसे समझौतों से बचने में भी मदद करता है जो भारत की कीमत पर दूसरे पक्ष को अत्यधिक लाभ पहुंचा सकते हैं।
गोयल ने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मजबूत स्तर पर बना हुआ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हर दृष्टि से भारत के लोग, व्यवसाय और उद्योग मिलकर एक नई ऊर्जा, उत्साह और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कई वर्ष पहले नहीं देखा गया था।
गोयल ने कहा कि आज दुनिया भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार और काम करने के लिए एक विश्वसनीय देश के रूप में पहचानती है। उन्होंने कहा कि वे दिन अब बीत चुके हैं जब भारत अपनी कमजोर स्थिति में व्यापार समझौतों पर बातचीत करता था और अब भारतीय पासपोर्ट को दुनिया भर में सम्मान और महत्व प्राप्त है। श्री गोयल ने बताया कि जहां एक ओर दुनिया चुनौतीपूर्ण वैश्विक दौर से गुजर रही है, वहीं दूसरी ओर भारत लगातार लचीलापन दिखा रहा है और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।