ट्रंप को मोदी की दो टूक:किसानों के हितों से नहीं करेंगे समझौता,भले ही मुझे भारी कीमत चुकानी पड़े

Authored By: News Corridors Desk | 07 Aug 2025, 01:21 PM
news-banner

डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति को नाम लिए बिना दो टूक जवाब दिया है । नई दिल्ली में आयोजित एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उन्होंने ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत नहीं झुकेगा । उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, उन्हें पता है कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हे इसकी भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी लेकिन वे इसके लिए तैयार हैं । उन्होंने कहा कि देश हित सबसे पहले है । प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों की आय बढ़ाने, खेती की लागत घटाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की है।

सरकार की योजनाओं ने किसानों को दिया संबल

प्रधानमंत्री ने सरकार की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह किसानों को आर्थिक और संरचनात्मक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि, पीएम किसान सम्मान निधि ने छोटे किसानों को सीधी आर्थिक मदद दी है। पीएम फसल बीमा योजना ने उन्हें प्राकृतिक आपदाओं और फसल खराब होने के जोखिम से सुरक्षा दी है।

पीएम कृषि सिंचाई योजना से सिंचाई की समस्या को दूर करने में मदद मिली है। किसानों के संगठन, कोऑपरेटिव्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को प्रोत्साहन देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी गई है और पीएम किसान संपदा योजना से फूड प्रोसेसिंग यूनिट और भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और . भारत अपने किसानों, मछुआरों, पशुपालकों के हितों के खिलाफ कभी भी समझौता नहीं करेगा । देश इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

क्या चाहता है अमेरिका ? 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है । अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार को उसके कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भी पूरी तरह खोल दे जिससे सेब, बादाम, अखरोट और जीएम (जेनेटिकली मॉडिफाइड) सोयाबीन, मक्का और डेयरी प्रोडक्ट्स भारतीय बाजार में आसानी से प्रवेश कर सकें ।परन्तु भारत इसके लिए तैयार नहीं है ।

दरअसल भारत के इनकार करने की दो प्रमुख वजहें हैं । पहला कारण यह है कि भारत की 70 प्रतिशत जनता किसानी पर निर्भर है । यहां के किसानों की जोत भूमि काफी छोटी है । इससे उनकी आय भी सीमित है । वहीं अमेरिकी किसानों के पास बड़े-बड़े कृषि फार्म हैं जहां आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर वह वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं । इसके पैदावार अधिक होती है और लागत कम आती है ।

 ऐसे में भारत यदि अमेरिका की शर्त मान लेता है तो यहां के बाजार अमेरिकी कृषि उत्पादों से पट जाएंगे और स्थानीय किसानों के बाजार से बाहर हो जाने का खतरा रहेगा । इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि अमेरिका में गायों को मांसाहारी चारा खिलाया जाता है । लेकिन भारत में ऐसा सोचना भी मुश्किल है, क्योंकि यहां गाय और उसके दूध को पवित्र माना जाता है । ऐसे में अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होंगे । 

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ 

भारत के इस रुख से नाराज होकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दो चरणों में कुल 50% टैरिफ लगा दिया है । अमेरिका ने भारत पर पहले 25 % टैरिफ लगाने की बात कही थी, परन्तु बाद में 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगा दिया । उसका कहना है कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल और हथियारों की खरीद जारी रखने की वजह से लिया गया है । 

अमेरिका ने 2022 में यूक्रेन युद्ध को देखते हुए रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे।लेकिन इसके बावजूद भारत ने रूस से तेल की खरीद जारी रखा है । इससे रूस को आर्थिक लाभ हो रहा है । भारत को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूसी युद्ध मशीन द्वारा यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं ।