महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा मीरा रोड इलाके में निकाले गए 'मराठी स्वाभिमान मोर्चा' को लेकर एक बार फिर भाषा विवाद गरमा गया है। इस मोर्चे को लेकर पुलिस और MNS कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थिति बन गई, जिसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
मीरा रोड में MNS का मराठी स्वाभिमान मोर्चा
MNS ने आज मीरा रोड इलाके में मराठी भाषा और मराठी मान-सम्मान को लेकर 'मराठी स्वाभिमान मोर्चा' निकालने की घोषणा की थी। हालांकि, पुलिस ने इस मोर्चे को लेकर सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद, कई MNS कार्यकर्ताओं ने छोटे-छोटे समूहों में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित करने के लिए एक्शन में आई। बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। मौके पर तनावपूर्ण माहौल बन गया, हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के चलते स्थिति बेकाबू नहीं हुई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सफाई
भाषा विवाद को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "यह कहना गलत होगा कि हमने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। MNS ने बैठक की अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूर किया गया था। लेकिन वे ऐसे मार्ग पर मार्च करना चाहते थे जहां यह संभव नहीं था। हमने उन्हें वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया, लेकिन वे सहमत नहीं हुए।"
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी शांतिपूर्ण विरोध का विरोध नहीं करती, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है।
विवाद की पृष्ठभूमि
मीरा रोड इलाके में हाल ही में कुछ व्यापारियों द्वारा हिंदी भाषा को प्राथमिकता दिए जाने का आरोप लगाया गया था, जिससे मराठी संगठनों में असंतोष उत्पन्न हुआ। MNS ने इसे मराठी अस्मिता का अपमान बताते हुए विरोध की चेतावनी दी थी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, MNS जल्द ही पूरे महाराष्ट्र में 'मराठी स्वाभिमान' को लेकर बड़े आंदोलन की योजना बना रही है। वहीं पुलिस और प्रशासन ने भी सख्त रुख अपनाते हुए कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।