ब्रिटेन की राजधानी लंदन की सड़कें शनिवार को एक जोरदार धमाके का गवाह बनीं। कट्टर दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन जिनका असली नाम: स्टीफन यैक्सले-लेनन है, ने 'यूनाइट द किंगडम' मार्च का आयोजन किया, जिसमें 1.1 लाख से 1.5 लाख लोग जुटे थे, ये लोग इमिग्रेशन के खिलाफ नारे लगाते हुए चले, लेकिन शांतिपूर्ण शुरुआत जल्द ही हिंसा की आग में बदल गई। रॉबिन्सन के कुछ समर्थकों ने पुलिस और विरोधी प्रदर्शनकारियों पर बोतलें, फ्लेयर्स और चीजें फेंकीं, जिससे 26 पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं चार गंभीर बताये गए।
पुलिस पर बेरहमी
मेट्रोपॉलिटन पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर मैट ट्विस्ट ने इसे "नाकाबिले बर्दाश्त हिंसा" कहा। "कई लोग शांति से आए थे, लेकिन एक बड़ी तादाद ने जानबूझकर झगड़ा मचाया। उन्होंने पुलिस पर मुक्के मारे, लातें ठोकीं और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की," घायलों में टूटे दांत, फूटी नाक, सिर की चोटें और एक अफसर की पीठ में गंभीर चोट शामिल है। हालात बिगड़ते ही दंगा रोकने वाली टीम, घुड़सवार पुलिस और कुत्तों वाली यूनिट को भी बुलाना पड़ा। साथ ही झगड़े, हमले और तोड़फोड़ के इल्जाम में अब तक 25 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। कहा गया, दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।
भीड़ का सैलाब
देखा जाए तो ये मार्च आयोजकों की सोच से भी कहीं ज्यादा बड़ा निकला। व्हाइटहॉल और पार्लियामेंट स्क्वायर में जगह कम पड़ गई, जिससे टकराव भड़क गया।
दूसरी तरफ, 'मार्च अगेंस्ट फासिज्म' नाम की विरोधी रैली में लगभग 5,000 लोग आए, जो जमकर नारे लगा रहे थे। स्टैंड अप टू रेसिज्म ग्रुप ने इसे "नस्लवाद का जहर" बताया।
दक्षिणपंथी सितारों का जोरदार मैसेज
रैली में दुनिया भर के दक्षिणपंथी नेताओं का शोरगुल भरा जमावड़ा लगा। फ्रांस के फार-राइट लीडर एरिक ज़ेमूर ने चिल्लाया, "यूरोप पर मुस्लिम देशों का कब्जा हो रहा है – ये हमारी संस्कृति को कुचल रहा" टेस्ला बॉस एलन मस्क ने वीडियो से ब्रिटेन की लेफ्ट सरकार पर हमला बोला: "बेकाबू इमिग्रेशन ब्रिटेन को बर्बाद कर रहा है। वोक वायरस फैल रहा है। संसद भंग करो! लड़ो या मरो!" मस्क ने रॉबिन्सन को "फ्री स्पीच का सिपाही" कहा, जिससे भीड़ में गुस्से की गर्जना गूंजी।
रैली में अमेरिकी दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट चार्ली किर्क को याद किया गया। एक मिनट खामोशी का पालन हुआ, और बगपाइपर ने "अमेजिंग ग्रेस" की भावुक धुन बजाई – ये पल आंसुओं और आग का मेल बन गया।
इंग्लिश डिफेंस लीग के फाउंडर रॉबिन्सन ने स्टेज से दहाड़ा, "ये हमारी संस्कृति बचाने की जंग है! फ्री स्पीच को आजाद करो!"
उनके समर्थकों ने "स्टॉप द बोट्स!", "सेंड देम होम!" और "वी वांट आवर कंट्री बैक!" जैसे नारों से हवा हिला दी। ये रैली गर्मियों भर के एंटी-माइग्रेंट प्रोटेस्ट्स का चरम थी, जहां शरणार्थी होटलों पर हमलों की यादें ताजा हुईं
नेपाल-फ्रांस की हलचल से सीख
ये ब्रिटिश तूफान दुनिया की राजनीतिक हलचलों का हिस्सा लगता है। नेपाल में युवाओं ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और राजशाही लौटाने की मांग पर सड़कें जाम कीं, जो शांति से शुरू होकर पुलिस झड़पों और तोड़फोड़ में बदल गई। फ्रांस में बुरे कानूनों और आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़े प्रोटेस्ट हिंसक हो गए, सैकड़ों घायल हुए। दोनों जगह शांत लहर हिंसा के खूनी सैलाब में तब्दील हो गई – क्या ब्रिटेन भी इसी रास्ते पर?होम सेक्रेटरी शबाना महमूद ने निंदा की: "पुलिस पर हमला करने वालों को कानून की पूरी सजा मिलेगी।"