ऐसा चश्मा पहनकर पहुंचा विश्वनाथ मंदिर कि ATS बुलाना पड़ा

Authored By: News Corridors Desk | 15 Oct 2025, 03:56 PM
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गहन पूछताछ के बाद शुरक्षा कर्मियों ने मां के साथ आए श्रद्थालु को जाने दिया

वाराणासी। काशी विश्वनाथ मंदिर Kashi Vishwanath Temple में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब दर्शन के दौरान एक श्रद्धालु के चश्मे को लेकर सुरक्षा कर्मियों को संदेह हुआ। घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा Security व्यवस्था और सतर्कता बढ़ा दी गई। वहीं मौके पर भारी भीड़ एकत्र हो गई। तैनात सुरक्षा कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित श्रद्धालु को हिरासत में लेकर तुरंत पूछताछ शुरू कर दी। 
हालांकि, जांच में किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि सामने न आने पर उसे बाद में छोड़ दिया गया।
पुलिस के अनुसार पकड़ा गया श्रद्धालु बेनडापुडी प्रुध्वी राजू था, जो हैदराबाद के सिकंदराबाद स्थित बेगम पेट इलाके के अलाउद्दीन मेनसन में रहता है। वह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और वर्तमान में विदेश में कार्यरत है। वह रविवार को अपने परिवार के साथ वाराणसी आया था। उसके साथ उसकी मां बड़ा लक्ष्मी, पत्नी मैत्री और मामा रवि भी मौजूद थे। सभी लोग कचौड़ी गली स्थित होटल में रुका था।
मंगलवार की सुबह प्रुध्वी राजू और उसका परिवार सुगम दर्शन टिकट लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। दर्शन के दौरान मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उसके चश्मे पर संदेह हुआ, जिसमें कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी प्रतीत हो रही थी। जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि उसके चश्मे में एक हिडन कैमरा Hidden Camera फिट है, जिससे वह मंदिर परिसर के भीतर की तस्वीरें खींच रहा था, खासकर अपनी मां की।

सुरक्षा बलों ने तत्परता दिखाते हुए उसे हिरासत में लेकर चौक थाने भेजा, जहां उससे विस्तृत पूछताछ की गई। उसकी व्यक्तिगत तलाशी लेने के साथ ही मोबाइल फोन की भी जांच की गई। फोन में हिडन कैमरे से ली गई तीन तस्वीरें मिलीं, हालांकि कोई वीडियो या संदिग्ध डाटा बरामद
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एंटी-लीजिंग इंटेलिजेंस यूनिट (एएलआईयू) और एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) की टीमों को भी जांच में शामिल किया गया। दोनों एजेंसियों ने प्रुध्वी राजू से गहन पूछताछ की, लेकिन कोई राष्ट्रविरोधी या आपराधिक गतिविधि से जुड़ा सुराग नहीं मिला।

प्रुध्वी राजू ने पूछताछ में बताया कि वह तकनीकी रूप से दक्ष है और चश्मे में कैमरा केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए लगाया था, ताकि वह अपनी मां के मंदिर दर्शन के पलों को रिकॉर्ड कर सके। पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने उसे सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया।