संजय कपूर की मौत के बाद संपत्ति विवाद और भी गर्म हो गया है। करिश्मा कपूर के बच्चों ने खुद कोर्ट में दलील दी कि पिता की अचानक सामने आई वसीयत में उनका नाम ही क्यों नहीं था? यह बात उनके बच्चों ने ही हाई कोर्ट में उठाई। वसीयत अचानक सामने आई और इसे कॉन्फिडेंशियल क्यों रखा गया? बच्चों को ही बाहर कैसे किया गया? प्रिया सचदेव कपूर को कोर्ट में संजय कपूर की सभी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा देना होगा, लेकिन उनका वकील विरोध क्यों कर रहा है?
अब सवाल यह है- हकीकत क्या है? क्या वसीयत सच में वैध है, या इसमें किसी तरह की गड़बड़ी है? दरअसल 30 हजार करोड़ की वसीयत के मालिक संजय कपूर का निधन होने के बाद भी उनका नाम सुर्खियों में बना हुआ है। 12 जून को इंग्लैंड में पोलो खेलते समय कथित तौर पर उन्हें हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद यह सवाल उठने लगे कि इतनी बड़ी संपत्ति का असली वारिस कौन होगा। इस विवाद में संजय कपूर की मां, उनकी तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव और हाल ही में करिश्मा कपूर के बच्चे भी शामिल हो गए हैं। करिश्मा के बच्चों ने दिल्ली हाई कोर्ट में पिता की संपत्ति पर अपना हक जताते हुए दावा किया है, जिससे मामला और अधिक पेचीदा और कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण बन गया है। अब अदालत में इस संपत्ति के असली वारिस का फैसला आने तक यह मामला चर्चा में बना रहेगा।
संजय कपूर की वसीयत विवाद: करिश्मा के बच्चों का जोरदार आरोप।
करिश्मा कपूर के बच्चों का आरोप है, कि उनकी सौतेली मां ने वसीयत जाली बनाकर उन्हें संपत्ति से बाहर कर दिया। बच्चों के वकील ने बताया कि जब उन्होंने संपत्ति के कागज देखने की मांग की, तो पहले गोपनीयता डॉक्यूमेंट पर साइन करने की शर्त रखी गई, जिसे बच्चों ने ठुकरा दिया। बाद में अचानक कहा गया कि वसीयत है, लेकिन उसकी कोई कॉपी नहीं दी गई।
बच्चों ने कहा, “हमें शुरू से बताया गया कि कोई वसीयत नहीं है। कुछ संपत्ति ट्रस्ट में है। दिल्ली के ताज मानसिंह में हुई एक बैठक में भी कहा गया कि वसीयत नहीं है। सबसे पहले ये शर्त रखी गई कि डॉक्यूमेंट देखने से पहले गोपनीयता पर साइन करना होगा, जिसे हमने अस्वीकार कर दिया।” ट्रस्ट के बारे में चर्चा तो हुई, लेकिन ट्रस्ट डीड साझा नहीं की गई; सिर्फ उसके नियम और शर्तें बताए गए। इसके बाद अचानक बताया गया कि संजय कपूर की वसीयत मौजूद है, जो उन्हें पिछले दिन ही दी गई थी। उन्होंने वसीयत को जल्दी से पढ़ा, लेकिन इसकी कोई कॉपी बच्चों को नहीं दी गई। इसके अलावा यह भी बताया गया कि प्रिया सचदेव कपूर को 13 जुलाई से AIPL कंपनी का MD बना दिया गया है, और उन्हें हर महीने 1 करोड़ रुपये की सैलरी मिलेगी।
बच्चों का दावा है कि यह वसीयत रजिस्टर्ड नहीं है और संजय कपूर हमेशा अपनी संपत्ति बच्चों के लिए सुरक्षित रखते थे। ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक ऐसी वसीयत कैसे सामने आई, जिसमें उनके अपने ही बच्चे बाहर कर दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रिया सचदेव कपूर समेत बाकी पक्षों के लिए किया नोटिस जारी!
दिल्ली हाई कोर्ट में करिश्मा कपूर के बच्चों की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रिया सचदेव कपूर समेत बाकी पक्षों को नोटिस जारी किया और दो हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया। कोर्ट ने प्रिया को संजय कपूर की सभी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा पेश करने का निर्देश भी दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोना कॉमस्टार के चेयरमैन संजय कपूर की संपत्ति का पूरा विवरण कोर्ट में जमा करना अनिवार्य है।
हालांकि प्रिया के वकील राजीव नायर ने आपत्ति जताई और कहा कि यह मामला “सिविल शूट मेंटेन करने लायक नहीं” है। उनका कहना है कि मुकदमा दायर होने से छह दिन पहले ही ट्रस्ट से 1900 करोड़ रुपये करिश्मा कपूर के बच्चों के नाम ट्रांसफर किए गए थे। प्रिया संजय कपूर की आखिरी पत्नी हैं और उनका एक 6 साल का बच्चा भी है।
संजय कपूर की मां रानी कपूर ने भी आरोप लगाया कि उनसे जबरन दस्तावेज़ साइन कराए गए। उनका कहना है कि 10,000 करोड़ की संपत्ति उन पर भी होनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि 500 करोड़ के शेयर सिंगापुर की एक संस्था को बेच दिए गए, लेकिन कोई कागजात उन्हें नहीं दिखाए गए।इस पूरे विवाद में अब कोर्ट की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। सवाल उठता है कि क्या वाकई बच्चों और परिवार के बाकी सदस्यों के अधिकारों का सही तरीके से ध्यान रखा जाएगा, और क्या ट्रस्ट व वसीयत के दस्तावेज़ पारदर्शी तरीके से सामने आएंगे।