जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का शुभारंभ शुक्रवार को भव्य परंपराओं और आस्था से परिपूर्ण माहौल में हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इस उत्सव के आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने रथ यात्रा को बताया दिव्यता का अनुभव
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा: "पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर मैं भारत और विदेशों में रहने वाले भगवान जगन्नाथ के भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। रथ पर भगवान बलभद्र, भगवान श्री जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के दर्शन करके लाखों भक्तों को दिव्य आनंद की अनुभूति होती है।"
इसके साथ ही उन्होंने विश्व में शांति, मैत्री और सद्भाव की कामना करते हुए लिखा कि देवताओं की मानवीय दिव्य लीला ही इस रथ यात्रा की विशेषता है।
पीएम मोदी ने की सुख-समृद्धि की कामना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पावन अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा: "भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!"
प्रधानमंत्री का यह संदेश भक्तों में उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रथ यात्रा के शुभ अवसर पर अपने संदेश में इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गहराई को रेखांकित किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा: "जय जगन्नाथ! श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के पावन पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आस्था और भक्ति का अनूठा संगम है, जो हमें सिखाती है कि भक्ति, संस्कृति और विरासत को संजोते हुए आगे बढ़ना हमारे अस्तित्व का मूल है।"
उन्होंने महाप्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र और माता सुभद्रा से सभी के कल्याण और प्रगति की प्रार्थना भी की।
रथ यात्रा: सदियों पुरानी परंपरा का जीवंत उत्सव
पुरी (ओडिशा) में आयोजित होने वाली यह रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों पर नगर भ्रमण की वार्षिक परंपरा है। यह उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो पूरे देश और विश्व के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।