गुरुवार, 19 जून को ईरान और इजरायल के बीच चल रही घातक जंग अपने सातवें दिन में प्रवेश कर गई है। दोनों देशों ने हमले और अधिक तेज कर दिए हैं, और अब तक सीजफायर के कोई संकेत नहीं मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपीलों के बावजूद दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का सख्त रुख
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक टीवी प्रसारण में देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “ईरान एकजुट है और सरेंडर नहीं करेगा।” उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका या इजरायल के किसी भी हमले की “गंभीर और अपूरणीय क्षति” होगी। उनका यह बयान ऐसे समय आया जब अमेरिका द्वारा दबाव बनाए जाने की खबरें आ रही थीं।
ईरान ने दी अमेरिका को चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वह ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को तब तक टाल रहे हैं जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने के लिए तैयार है या नहीं। ट्रंप ने यह भी कहा, “मैं युद्ध में शामिल हो सकता हूं, और हो सकता है नहीं।”
ईरान के उप विदेश मंत्री काज़ेम गरीबाबादी ने अमेरिका को आगाह किया कि अगर वह सक्रिय रूप से इजरायल का समर्थन करता है, तो यह टकराव एक पूर्ण युद्ध में बदल सकता है। उन्होंने कहा कि “हम अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार हैं। ईरानी सेना के पास मेज पर सभी विकल्प मौजूद हैं।”
गरीबाबादी ने यह भी कहा कि ईरान ने कभी युद्ध की शुरुआत नहीं की, लेकिन अगर उस पर हमला होता है, तो उसका जवाब दिया जाएगा।
इजरायल के रक्षा मंत्री का बड़ा बयान
इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने ईरान पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि सोरोका हॉस्पिटल पर हमले के लिए अयातुल्ला खामेनेई को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने इसे “गंभीर युद्ध अपराध” बताते हुए कहा कि “खामेनेई को अपने कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
काट्ज़ ने बताया कि उन्होंने और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को ईरान में “रणनीतिक ठिकानों” और राजधानी तेहरान के “बिजली के बुनियादी ढांचे” पर हमले तेज करने का निर्देश दिया है। उनका उद्देश्य है कि ईरान के शासन को कमजोर कर इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।