ईरान और इजराइल के बीच हाल ही में घोषित युद्धविराम एक बार फिर खतरे में पड़ता नजर आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुलकर इजराइल को चेतावनी देनी पड़ी। मंगलवार सुबह ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम का ऐलान किया था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद हालात बदलते नजर आए। इजराइल की जवाबी कार्रवाई की तैयारी से नाराज़ ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
संघर्षविराम के तुरंत बाद बढ़ा तनाव
मंगलवार सुबह ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ऐलान किया कि ईरान और इजराइल के बीच पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति बन चुकी है। इस समझौते के अनुसार, पहले ईरान को युद्धविराम का पालन करना था और 12 घंटे बाद इजराइल भी इसमें शामिल होता।
हालांकि, इसी दौरान इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ ने दावा किया कि ईरान ने फिर से उसकी तरफ मिसाइल दागी है। इसके बाद इजराइल ने जवाबी हमले की चेतावनी दी — जिससे स्थिति दोबारा विस्फोटक बन गई।
इस स्थिति से भड़के राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर इजराइल को एक सीधी और सख्त चेतावनी जारी की: “इजराइल, ये बम मत गिराना। अगर ऐसा किया गया, तो यह युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को वापस बुलाओ, अभी तुरंत।” ट्रंप की ये सार्वजनिक नाराजगी इस बात का संकेत थी कि अमेरिका किसी भी हाल में संघर्षविराम को टूटने नहीं देना चाहता।
PM नेतन्याहू से फोन पर ‘सख्त बात’
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने अपनी नाराजगी केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रखी। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से सीधे फोन पर बात की और उन्हें हालात की गंभीरता समझाई। व्हाइट हाउस के सूत्रों के अनुसार, यह बातचीत “बहुत सख्त और स्पष्ट” लहजे में हुई। नेतन्याहू ने ट्रंप की बात को गंभीरता से लिया और इजरायली वायुसेना के विमानों को वापस बुला लिया गया।
कुछ ही देर बाद ट्रंप ने फिर ट्रुथ सोशल पर लिखा कि इजराइल ईरान पर हमला नहीं करेगा। सभी विमान वापस बुलाए जा रहे हैं। ईरान के ऊपर 'दोस्ताना चक्कर' लगाने के बाद ये विमान अब घर लौट रहे हैं। कोई नुकसान नहीं होगा। सीजफायर अब भी कायम है। ट्रंप ने इसके लिए इजराइल को धन्यवाद भी दिया कि उसने अमेरिकी प्रयासों को प्राथमिकता दी और स्थिति को नियंत्रित किया।
ईरान पर भी बरसे ट्रंप
ट्रंप केवल इजराइल से नहीं, ईरान से भी नाराज़ दिखे। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब युद्धविराम की सहमति हो चुकी थी, तो ईरान उकसावे वाली हरकत क्यों कर रहा है? बाद में उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा ईरान अब कभी भी अपने परमाणु केंद्र फिर से तैयार नहीं कर पाएगा।