जापान-भारत समुद्री अभ्यास: योकोसुका बंदरगाह पहुंचा आईएनएस सह्याद्रि
दिल्ली। भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित शिवालिक श्रेणी का गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट पोत आईएनएस सह्याद्रि ने 16 से 18 अक्टूबर 2025 तक जापान-भारत समुद्री अभ्यास-जेएआईएमईएक्स-25 में भाग लिया और हार्बर चरण में 21 अक्टूबर 2025 को जापान के बंदरगाह पहुंच कर रुका।
योकोसुका पहुंचने से पहले, आईएनएस सह्याद्रि और जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स जेएमएसडीएफ के जहाज असाही, ओमी और पनडुब्बी जिनरयू ने जापान-भारत समुद्री अभ्यास-25 के समुद्री चरण में भाग लिया। इस चरण में उन्नत पनडुब्बी रोधी युद्ध और मिसाइल रक्षा अभ्यास, उड़ान संचालन और पुनःपूर्ति द्वारा अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाना शामिल रहा।
जेएएमईएक्स-25 वर्ष 2014 में भारत और जापान के बीच स्थापित 'विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के तहत दोनों देशों की नौसेना के बीच सुदृढ़ और तेज़ी से बढ़ते संबंधों को रेखांकित करता है। यह साझेदारी हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण स्तंभ है।
योकोसुका बंदरगाह चरण में आईएनएस सह्याद्री के नाविक दल और जापानी नौसैनिक बल की इकाइयां विभिन्न व्यावसायिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में शामिल होंगी। इनमें एक-दूसरे के पोत के दौरे, सहयोगात्मक संचालन योजना, सर्वोत्तम प्रचलन साझा करना और सौहार्द एवं एकता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त योग सत्र आयोजित होगा। पोर्ट कॉल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहाज की लंबी दूरी की तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधि है।
वर्ष 2012 में जलावतरण के बाद आईएनएस सह्याद्री स्वदेशी रक्षा तकनीक में भारत के बढ़ते योगदान और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का प्रमाण है।