केंद्र सरकार ने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में ₹50 की बढ़ोतरी का एलान किया है। यह वृद्धि 8 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इसके बाद घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत अब 853 रुपये हो गई है। पहले यह कीमत 803 रुपये थी।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए भी सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से बढ़कर 550 रुपये कर दी गई है।
सरकार ने दी सफाई, हर 2-3 हफ्ते होगी समीक्षा
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि एलपीजी की कीमतों में यह वृद्धि अस्थायी है और इसकी हर 2-3 हफ्ते में समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा,
"हम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते। यह फैसला कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए लिया गया है।"
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में इजाफा
एलपीजी के साथ-साथ सरकार ने पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में भी वृद्धि की है। हालांकि, मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है कि यह कदम तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को ₹43,000 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए उठाया गया है, जो उन्हें गैस वितरण में नुकसान के रूप में हुआ है।
आम जनता पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव
इस बढ़ोतरी से आम जनता की जेब पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जिनकी घरेलू आय सीमित है। रसोई गैस की कीमत में इस तरह की वृद्धि पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए और परेशानी का कारण बन सकती है।
एलपीजी की कीमत में वृद्धि के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के बीच इस फैसले को "जनविरोधी" करार दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी यूजर्स सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।