पाकिस्तान और चीन की तरफ से मिलने वाली रक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत ने अपनी कमर कस ली है। भारत 4200 करोड़ रुपए खर्च कर ऐसी मिसाइलें खरीदने जा रहा है जो दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों का हवा में शिकार कर लेगा। कम दूरी की ये मिसाइलें इस काम में बेहद कारगर हैं। ये सौदा ब्रिटेन से होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मुलाकात में दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और बड़ा समझौता किया । इस डील के तहत भारत को ब्रिटेन से मिसाइल सहित कई आधुनिक रक्षा उपकरण मिलने वाले हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 4200 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि वैश्विक स्तर पर जो अनिश्चितताएं और चुनौतियां चल रही हैं, ऐसे समय में भारत और ब्रिटेन के बीच दोस्ताना और मजबूत संबंध बेहद जरूरी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने का महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दोनों देशों की सुरक्षा क्षमता मजबूत होगी।
शिक्षा और डिजिटल क्षेत्र में भी होगा सहयोग
ब्रिटेन की 9 बड़ी यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस खोलेंगी। अगले साल लिवरपूल, ब्रिस्टल और बेलफास्ट यूनिवर्सिटी भी आएंगी। साथ ही, भारत की डिजिटल फिनटेक यानी डिजिटल वित्तीय सेवाओं में भी ब्रिटेन के साथ मिलकर काम बढ़ेगा। भारतीय वायुसेना के ट्रेनर अब ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में भी ट्रेनर बनेंगे। धनबाद में ब्रिटेन के साथ मिलकर मिनरल्स पर काम होगा।
जरुरी मुद्दों पर बातचीत और भविष्य की योजनाएं
पीएम मोदी ने ब्रिटेन में मौजूद भारत विरोधी खालिस्तान समर्थकों पर रोक लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि हिंसा और कट्टरता के लिए लोकतंत्र में जगह नहीं है। दोनों देशों ने 2035 तक मिलकर काम करने की योजना बनाई है।
मोदी ने यह भी बताया कि भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है और 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है।