ये है नया भारत! वो भारत, जो न सिर्फ मैदान पर दुश्मनों को धूल चटाता है, बल्कि हर मोर्चे पर अपनी बात मनवाता है! एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से रौंदकर खिताब अपने नाम किया। लेकिन असली ड्रामा तो मैदान के बाहर हुआ, जब भारतीय टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से साफ मना कर दिया! जी हाँ, भारत ने साफ कह दिया - "हम तुमसे ट्रॉफी नहीं लेंगे!" और इसके बाद जो हुआ, वो पाकिस्तान के लिए ऐसी बेइज्जती थी, जिसे वो शायद ही भूल पाए। तो चलिए, इस धमाकेदार खबर को और करीब से जानते हैं.
क्या हुआ एशिया कप 2025 में?
28 सितंबर 2025 को UAE में चले एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान की टीमें एक बार फिर आमने-सामने थीं। फाइनल मुकाबला दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में हुआ, जहाँ भारत ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया और पाकिस्तान को 5 विकेट से पटखनी दी। तिलक वर्मा की शानदार नाबाद पारी ने भारत को जीत दिलाई, और भारतीय खिलाड़ियों ने सारे व्यक्तिगत अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए। शिवम दुबे को गेम चेंजर अवॉर्ड, कुलदीप यादव को मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर, और अभिषेक शर्मा को प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब मिला। लेकिन असली कहानी शुरू हुई पुरस्कार समारोह (Award Ceremony) में जब भारतीय में प्लेयर्स ने अवॉर्ड लेने से मना कर दिया.
ट्रॉफी लेने से इनकार, पाकिस्तान की बेइज्जती!
मैच खत्म होने के बाद पुरस्कार समारोह में हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, ट्रॉफी देने के लिए स्टेज पर खड़े थे। लेकिन भारतीय टीम ने साफ मना कर दिया कि वो नकवी के हाथों ट्रॉफी नहीं लेंगे। खबरों के मुताबिक, भारतीय खिलाड़ी 15 गज के दायरे में खड़े रहे और अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं थे। नकवी अकेले स्टेज पर शर्मिंदगी झेलते रहे, और समारोह में देरी होती रही।
पाकिस्तानी खिलाड़ी भी ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं निकले, और जब निकले तो दर्शकों ने उनकी हूटिंग शुरू कर दी। "इंडिया-इंडिया" के नारे गूंजने लगे, और पाकिस्तानी टीम को मैदान पर बेइज्जत होना पड़ा। आखिरकार, भारतीय टीम के कहने पर प्रेजेंटेशन को भारत के मुताबिक आयोजित किया गया। BCCI ने भी इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि वो नवंबर में होने वाली ICC मीटिंग में मोहसिन नकवी के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, "हम उस व्यक्ति से ट्रॉफी नहीं ले सकते, जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है।"
हैंडशेक विवाद ने बढ़ाया तनाव
ये ड्रामा यहीं नहीं रुका। टूर्नामेंट की शुरुआत से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव साफ दिख रहा था। 14 सितंबर को पहले मैच में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाया। मैच के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम से हैंडशेक करने से मना कर दिया और ड्रेसिंग रूम में चले गए। इस बात से बौखलाए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने ICC में शिकायत दर्ज की, यहाँ तक कि मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की। लेकिन ICC ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। पाकिस्तान ने तो यहाँ तक दावा किया कि रेफरी ने हैंडशेक विवाद के लिए माफी मांगी, लेकिन ICC ने इसे झूठ करार दिया। ICC ने साफ किया कि रेफरी की माफी सिर्फ मिस कम्युनिकेशन के लिए थी, न कि हैंडशेक विवाद के लिए। इस झूठ की वजह से पाकिस्तान की और फजीहत हुई।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों की शर्मनाक हरकतें
मैच के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी विवादित व्यवहार किया। तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने "6-0" चिल्लाकर और विमान गिरने का इशारा करके भारत को उकसाने की कोशिश की। साहिबजादा फरहान ने गन सेलिब्रेशन किया, जिसे BCCI ने आपत्तिजनक बताया। ICC ने हारिस रऊफ पर 30% मैच फीस का जुर्माना लगाया, जबकि फरहान को चेतावनी दी गई। फरहान ने सफाई में कहा कि ये उनका "पठान संस्कृति" का हिस्सा था, और उन्होंने विराट कोहली और एमएस धोनी के पुराने सेलिब्रेशन का हवाला दिया। लेकिन ये सफाई भी उनकी बेइज्जती को नहीं बचा सकी।
भारत का सख्त रुख, क्यों लिया ये फैसला?
भारत का ये रुख हाल के राजनीतिक तनावों से जोड़ा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है। सूर्यकुमार यादव ने अपनी जीत को पहलगाम हमले के पीड़ितों को समर्पित किया, जिससे पाकिस्तान और बौखला गया। PCB ने इसे "राजनीतिक बयान" बताकर ICC में शिकायत की, लेकिन ICC ने सूर्यकुमार और हारिस रऊफ दोनों पर 30% मैच फीस का जुर्माना लगाकर मामले को शांत करने की कोशिश की।
सोशल मीडिया पर भी भारत के इस रुख को खूब समर्थन मिला। एक X पोस्ट में कहा गया, "गौतम गंभीर ने भारतीय खिलाड़ियों को पाकिस्तान से हैंडशेक न करने की सलाह दी थी। ये सही में बदला हुआ भारत है!"
नया भारत, नया रुख
ये घटना सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। ये दिखाता है कि भारत अब हर मोर्चे पर अपने सिद्धांतों पर अडिग है। चाहे वो आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, या क्रिकेट के मैदान पर अपनी बात मनवाना। सोशल मीडिया पर फैंस ने इसे "नए भारत की जीत" करार दिया।
पाकिस्तान का बायकॉट ड्रामा
पाकिस्तान ने मैच के दौरान कई बार बायकॉट की धमकी दी। UAE के खिलाफ मैच से पहले PCB ने कहा कि अगर रेफरी को नहीं हटाया गया, तो वो टूर्नामेंट से हट जाएंगे। लेकिन ICC ने उनकी एक भी शर्त नहीं मानी, और आखिरकार पाकिस्तान को मैदान पर उतरना पड़ा। पूर्व PCB चीफ नजम सेठी ने खुलासा किया कि मोहसिन नकवी गुस्से में टूर्नामेंट से हटने को तैयार थे, जिससे PCB को 132 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता था। लेकिन आखिर में पाकिस्तान को अपनी धमकी वापस लेनी पड़ी।
क्या है इस विवाद का असली मसला?
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और कूटनीति का मैदान है। 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज बंद कर दी थी। अब दोनों टीमें सिर्फ ICC और ACC टूर्नामेंट्स में ही भिड़ती हैं। लेकिन इस बार भारत ने साफ कर दिया कि वो न सिर्फ मैदान पर, बल्कि मैदान के बाहर भी पाकिस्तान को कोई तवज्जो नहीं देगा। BCCI ने मोहसिन नकवी के व्यवहार को "बचकाना" करार दिया, खासकर जब खबर आई कि नकवी ट्रॉफी और मेडल अपने होटल ले गए। पाकिस्तानी मेजर (रिटायर्ड) आदिल राजा ने इसे "पाकिस्तानी आर्मी जनरल असीम मुनीर का अपमान" बताया, जिससे पाकिस्तान में और हलचल मच गई।
BCCI ने साफ कर दिया है कि वो ICC की अगली मीटिंग में इस मामले को उठाएगा। वहीं, पाकिस्तान की बौखलाहट और उनके खिलाड़ियों के विवादित व्यवहार ने उनकी छवि को और नुकसान पहुँचाया है। भारत ने न सिर्फ मैदान पर बल्कि कूटनीति के मैदान पर भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। तो ये है नए भारत की ताकत और जज्बा जो न सिर्फ क्रिकेट में बल्कि हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को सबक सिखा रहा है.