मध्यप्रदेश में चपरासी ने जांच दी बीए की कॉपियां, टीचर बोली- मां बीमार थी

Authored By: News Corridors Desk | 08 Apr 2025, 07:00 PM
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मध्य प्रदेश को अक्सर "अजब गजब" प्रदेश कहा जाता है, और इसका कारण यहां के कुछ अजीबो-गरीब मामले होते हैं जो आम लोगों को हैरानी में डाल देते हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से, जहां एक कॉलेज के चपरासी ने छात्रों की परीक्षा की कॉपियां चेक कर दीं। यह मामला अब राज्य भर में चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना पिपरिया स्थित शहीद भगतसिंह पीजी कॉलेज की है, जहां कॉलेज के प्यून पन्नालाल पठारिया परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं जांचते हुए कैमरे में कैद हो गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा। उच्च शिक्षा विभाग ने तत्काल जांच समिति गठित की, और रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया।

बीमार प्रोफेसर ने बुक लिफ्टर को सौंपा काम

जांच में सामने आया कि अतिथि विद्वान खुशबू पगारे को ये कॉपियां जांचनी थीं, लेकिन तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने यह काम बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर को सौंप दिया। इसके बदले खुशबू पगारे ने राकेश को 7000 रुपए दिए थे।

राकेश कुमार ने यह जिम्मेदारी खुद निभाने के बजाय आगे बढ़ा दी और 5000 रुपए में प्यून पन्नालाल पठारिया को सौंप दी। पन्नालाल ने यह बात खुद स्वीकार की है और छात्रों की सभी उत्तरपुस्तिकाएं चेक कर दीं। यह घटना छात्रों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ मानी जा रही है।

वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, उच्च शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट हो गया कि इसमें कई स्तरों पर लापरवाही हुई है।

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रामगुलाम पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। समिति ने दोनों पर गंभीर लापरवाही और अनियमितता के आरोप लगाए हैं, जो मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन माना गया।

इस मामले ने शिक्षा प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। छात्रों की मेहनत और भविष्य के साथ ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की साख पर भी धब्बा लगता है।