आंखों के सामने पति को गोली मारी गई। एक दो नहीं छह से ज़्यादा महिलाओं के सामने ही उनके पतियों को लहूलुहान कर दिया गया। एक-एक परिवार की कहानी आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लेते हैं किआख़िर इस मसले पर दिल्ली से श्रीनगर तक सियासी हलकों में क्या हो रहा है।
-पीएम मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को कश्मीर भेजा, मीटिंग और एक्शन शुरू
-पीएम मोदी ने यूएई का दौरा रद्द किया, ट्रम्प से बात की, भारत के साथ अमेरिका
-पीएमओ कश्मीर से पल-पल की अपडेट ले रहा है, एजेंसियाँ ऑपरेशन में जुटीं हैं
लेकिन सवाल ये है कि ऐसे वक़्त में विपक्ष की क्या भूमिका होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष का क्या स्टैंड होना चाहिए। ज़ाहिर है पूरे मुल्क को एक साथ खड़े होकर आतंकियों को जवाब देना चाहिए। यही काम करने की कोशिश कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी। घटना की सूचना मिलते ही राहुल गांधी ने पहला पोस्ट किया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में पर्यटकों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की ख़बर बेहद निंदनीय और दिल दहलाने वाली है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं। आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए —ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।
अमेरिका में बैठे राहुल गांधी की बेचैनी का आलम ये है कि उन्होंने तुरंत गृहमंत्री अमित शाह को फ़ोन मिलाया और पूरी जानकारी ली। कहा- हम आपके साथ हैं। उन्होंने 23 अप्रैल को तड़के एक और पोस्ट किया।
गृहमंत्री अमित शाह से बात की, जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला से मैंने बात की। जम्मू कश्मीर के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक कर्रा से भी पहलगाम हमले की भयावहता पर बात हुई. पीड़ितों के परिवारों को इंसाफ मिलना चाहिए हमारा पूरा समर्थन है।
लेकिन क्या वाक़ई ये फुलेस्ट सपोर्ट वाला जेस्चर है। अमेरिका में बैठे राहुल गांधी जो कुछ कह रहे हैं। उसमें कुछ सियासत की बू आ रही है।आख़िर क्यों ये भी जान लीजिए।
-पहलगाम के आतंकी हमलों पर बयानबाज़ी में तंज वाली भाषा बोल रहे राहुल गांधी
-कश्मीर पर खोखले दावे बंद करने की सियासी नसीहत देने का क्या यही टाइम है
-जवाबदेही लेने की नसीहत किसको दे रहे हैं और अगला प्रहार किस पर करेंगे ?
क्योंकि सोशल मीडिया पर पोस्ट के ज़रिए राहुल गांधी ने ख़ुद को कश्मीर का हिमायती दिखाने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन लोग ये भी पूछ रहे हैं कि अमेरिका से कब लौटेंगे शहज़ादे साहब।
बहरहाल कांग्रेस के कई और नेता भी सियासत में जुट गए हैं। वो सर्वदलीय बैठक की माँग कर रहे हैं। आतंकी हमले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ राहुल अमित शाह को फोन कर रहे हैं। साथ होने का आश्वासन दे रहे हैं, तो दूसरी तऱफ तस्वीर उसके बिल्कुल उलट है। जीतू पटवारी को आगे करके उन्होंने पूरी सरकार पर सवाल खड़े कर दिये हैं।
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक के साथ-साथ एक्स पर पोस्ट किया -
’पठानकोट, ऊरी, पुलवामा, और अब पहलगाम! देश को यह तो पता है, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ज्यादा खतरे में है, लेकिन देश अब ये भी जानना चाहता है कि, हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्या कर रहे हैं?
जीतू पटवारी ने सिर्फ बयानों से देश की सुरक्षा सुधारने का आरोप भी लगाया और पोस्ट करते हुए सरकार के बड़े लोगो को टैग भी किया। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पीएमओ को दोषी करार दिया..और लिखा कि
-सच यह भी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता सिर्फ बात/बयान से देश की आंतरिक सुरक्षा सुधारना चाहती है! जैसे ही बवाल मचता है, बहाने बनाने लग जाती है! यह शर्मनाक है! इस जघन्य हत्याकांड के लिए केंद्रीय गृहमंत्री जिम्मेदार हैं! बीजेपी सरकार को जांच और कड़ी कार्रवाई के साथ उनका इस्तीफा भी तत्काल लेना चाहिए!
अगर ये सारे बयान और राहुल गांधी की संवेदनाएं एक साथ देखी जाएं। तो साफ तौर पर इसमें से सियासत की बू आ रही है।कांग्रेस इस हमले के जरिये बीजेपी पर हमला बोलने का मौका तलाश रही है।