आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में जेल में बंद सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर शर्मिष्ठा पनोली को बड़ी राहत मिली है । कोलकाता हाईकोर्ट ने शर्मिष्ठा को कुछ शर्तों और 10 हजार के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी है । इसके साथ ही अदालत ने पुलिस को भी पनोली को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं । शर्मिष्ठा ने कहा था कि उन्हें धमकियां मिल रही थीं ।
बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस राजा बसु ने शर्मिष्ठा की जमानत को तो मंजूरी दे दी परन्तु बिना इजाजत उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी । अदालत ने कहा कि देश से बाहर जाने के लिए शर्मिष्ठा को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अनुमति लेनी पड़ेगी ।
सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी के बाद हुई थी गिरफ्तारी
22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बॉलीवुड स्टार्स की चुप्पी पर सवाल उठाए थे । आरोप है कि इस दौरान उन्होंने एक समुदाय विशेष के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया औऱ उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बयान दिया ।
सोशल मीडिया पर वीडिया पोस्ट किए जाने के बाद 15 मई को उनके खिलाफ कोलकाता के गार्डनरीच थाने में एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी । उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शर्मिष्ठा को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया था ।
हालांकि बयान पर विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो हटा दिया और मामले में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी, लेकिन गिरफ्तारी से नहीं बच सकीं । कोलकाता की एक अदालत ने शर्मिष्ठा को 13 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था ।
गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासत तक गरमायी
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई । बहुत से लोग इस पर सवाल उठाने लगे और शर्मिष्ठा के समर्थन में उतर आए । खासकर कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया जाने लगा ।
कई लोगों ने वजाहत खान नाम के उस शख्स की कुंडली भी खंगाल कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे जिसकी शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था ।
जब वजाहत खान की असलियत सामने आई तब माहौल और गरमा गया । वजाहत के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट को वायरल होने लगे जिनमें उसने हिंदू देवी को लेकर बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किए थे । इस बात को लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गए कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने वजाहत को गिरफ्तार करने में इतनी तत्परता क्यों नहीं दिखाई जितनी शर्मिष्ठा के मामले में दिखाई ।
बता दें कि वजाहत खान पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में कई केस दर्ज हो चुके हैं जिसके बाद से वह फरार बताया जा रहा है ।
पवन कल्याण का बयान भी बनी सुर्खियां
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को बहुत से लोग ममता सरकार के वोट बैंक की राजनीति से भी जोड़ कर देख रहे हैं । आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी खुलकर सामने आए और कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली के मामले में "न्यायसंगत" कार्रवाई करे ।
पवन कल्याण ने कहा कि हेडस्पीच की अवश्य की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन धर्मनिरपेक्षता को ढाल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए । उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स अपने पोस्ट में कहा कि, धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है । यह दोतरफा होनी चाहिए ।