पहले राहुल गांधी का हुआ भव्य स्वागत और बाद में ऐसा विरोध जिसे देख कर हिल गया पूरा प्रशासन। आज अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे राहुल गांधी का जमकर विरोध किया गया, और ये विरोध भारतीय जनता पार्टी ने किया है। राहुल अपने तय कार्यक्रम के लिए जा रहे थे, लेकिन जिस रास्ते से उन्हे निकलना था वहीं उस हाईवे पर बीजेपी के नेता और साथ ही कार्यकर्ताओं ने विरोध जताना शुरू किया। इस विरोध को करने का मक्सद था विपक्षी नेता से माफी मांगना। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहे गए अपशब्दों को लेकर मांफी मांगें। वो अपशब्द जो उन्होने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के मंच पर कहे थे।
बताते चले कि इस विरोध प्रदर्शन में सरकार के मंत्री और सदस्य विधान परिषद् दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद थे, इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री दिनेश प्रताप ने कहा कि राहुल ने बिहार में भारत के प्रधानमंत्री मोदी की मां को गाली दी, जिसके बाद उन्हे इसपर मांफी मांगनी चाहिए, साथ ही साथ वे मांग करते है, पीएम की मां को गाली देने वाले कार्यकर्ताओं की निंदा करनी चाहिए और उन्हें निष्कासित भी कर देना चाहिए। दिनेश प्रताप कहते है कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री की मां को गाली दी जोकि लज्जित करने वाला विषय है।
इसी के साथ कहा गया कि सड़क के बीच आने का कोई इरादा नहीं था, हम लोग चुनाव की तैयारी में व्यस्त थे. लेकिन बाहर कुछ कार्यकर्ता भी सड़क पर विरोध कर रहे थे और पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी करना शुरू किया, जिसके बाद इसे देखते हुए बीच बचाव के लिए सड़क पर आना पड़ा।
ये पूरा मामला हरचंदपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बटोही होटल के पास का है, यहां राहुल गांधी वापस जाओ के नारे लगाए गए और इसी को देखते हुए पुलिस राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को समझाने बुझाने में जुट गई। बतादें कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं सांसद राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे थे। जिसके बाद उनका विरोध हुआ और हाईवे पर बैठकर उनके काफिले को रोक दिया गया, वहीं समर्थकों के साथ मंत्री दिनेश भी देखे गए जहां जमकर नारेबाजी होने लगी। कहा जा रहा है की करीब 20 मिनट तक राहुल गांधी का काफिला रुका रहा।
मामले को गर्म होता देख प्रशासन कि भी सांसे फूल गई। हंगामे के बाद यहां कई देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा, हालात सामान्य करने में काफी समय लगा लेकिन पुलिस ने किसी तरह से राहुल के काफिले को आगे बढ़ाया। लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचते ही कोंग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया था, जिसके बाद लखनऊ एयरपोर्ट से रायबरेली के लिए रवाना हुए थे और सड़क मार्ग से रायबरेली पहुंचे थे।