बेंगलुरु के ऐतिहासिक एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की बिजली आपूर्ति अचानक बंद कर दी गई है। यह फैसला बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (BESCOM) ने लिया है। इसका कारण बना फायर सेफ्टी नियमों का गंभीर उल्लंघन। स्टेडियम का संचालन करने वाली संस्था कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने आवश्यक अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (Fire Safety Clearance) नहीं लिया था, जो किसी भी बड़े सार्वजनिक स्थल के लिए अनिवार्य होता है।
फायर सेफ्टी मंजूरी क्यों है जरूरी?
चिन्नास्वामी स्टेडियम में नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच, आईपीएल और अन्य बड़े आयोजन होते हैं। इन आयोजनों के दौरान हजारों दर्शक एकत्र होते हैं। ऐसे में फायर सेफ्टी अप्रूवल एक अनिवार्य सुरक्षा शर्त है, ताकि किसी भी आकस्मिक आपात स्थिति से बचा जा सके।
कर्नाटक अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के महानिदेशक ने पाया कि बिना इस मंजूरी के इतने बड़े आयोजनों का आयोजन सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
BESCOM ने की त्वरित कार्रवाई
फायर विभाग की सिफारिश के बाद, BESCOM के प्रबंध निदेशक ने तत्काल प्रभाव से बिजली आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया। इसके तहत स्टेडियम की मुख्य बिजली लाइन काट दी गई। अधिकारियों ने साफ किया है कि जब तक KSCA फायर सेफ्टी से संबंधित सभी नियमों का पालन कर आवश्यक प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं कर लेता, तब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की जाएगी।
आयोजनों पर क्या होगा असर?
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब भारत में घरेलू क्रिकेट सीजन की शुरुआत हो चुकी है और कई बड़े टूर्नामेंट की तैयारियां चल रही थीं। चिन्नास्वामी स्टेडियम देश के व्यस्ततम क्रिकेट मैदानों में से एक है। बिजली कटौती से यहां होने वाले अभ्यास सत्र, इवेंट्स और मैच प्रभावित हो सकते हैं। अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो आयोजनों को रद्द या स्थानांतरित भी किया जा सकता है।
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, अब फायर सेफ्टी क्लियरेंस की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर तेज किया जा रहा है ताकि बिजली आपूर्ति शीघ्र बहाल हो सके।