संजय भंडारी केस में रॉबर्ट वाड्रा को ED का समन, 17 जून को पूछताछ के लिए बुलाया

Authored By: News Corridors Desk | 16 Jun 2025, 06:18 PM
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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर आ गए हैं। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में समन जारी कर 17 जून को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह मामला हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़ा हुआ है।

ईडी ने फिर भेजा समन

प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए 17 जून को पेश होने का आदेश दिया है। इससे पहले भी 10 जून को समन जारी किया गया था, लेकिन वाड्रा ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने फ्लू जैसे लक्षणों की बात कही और कोविड प्रोटोकॉल के तहत जांच कराई थी। इसके चलते ईडी ने अब एक बार फिर से उन्हें तलब किया है।

किस मामले में है पूछताछ?

यह समन संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जारी किया गया है। संजय भंडारी एक हथियार डीलर और रक्षा मामलों का सलाहकार रहा है, जो फिलहाल ब्रिटेन में रह रहा है। इस मामले की जांच PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत की जा रही है। ईडी का आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा इस मामले में कथित रूप से लंदन स्थित एक प्रॉपर्टी से जुड़े हुए हैं।

क्या है संजय भंडारी केस?

संजय भंडारी पर आरोप है कि उसने साल 2009 में लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। ईडी का दावा है कि इस संपत्ति का रिनोवेशन रॉबर्ट वाड्रा के निर्देश पर कराया गया था और इसके लिए वित्तीय मदद भी वाड्रा द्वारा उपलब्ध कराई गई थी।

पता: 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन

विवाद: रिनोवेशन और फंडिंग को लेकर ईडी का संदेह

रॉबर्ट वाड्रा का इनकार

रॉबर्ट वाड्रा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने दावा किया है कि न तो उनके पास सीधे और न ही परोक्ष रूप से लंदन में कोई संपत्ति है। वाड्रा ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा है कि यह कार्रवाई उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर से राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। रॉबर्ट वाड्रा का नाम पहले भी कई विवादास्पद भूमि सौदों और विदेशी संपत्तियों से जुड़े मामलों में आ चुका है, लेकिन अब संजय भंडारी केस में ईडी की सक्रियता से यह मामला और गंभीर हो गया है।


अगर रॉबर्ट वाड्रा 17 जून को पेश नहीं होते, तो ईडी उनके खिलाफ कड़ा रुख अपना सकती है। यह समन उस वक्त आया है जब देश में राजनीतिक परिदृश्य बेहद संवेदनशील है, और ऐसे में इस केस के कानूनी और राजनीतिक नतीजे दोनों अहम माने जा रहे हैं।