बेटिंग ऐप मामले में शिखर धवन से ईडी की पूछताछ, सुरेश रैना की भी हो चुकी है जांच टीम के सामने पेशी

Authored By: News Corridors Desk | 04 Sep 2025, 04:04 PM
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टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज़ शिखर धवन, जिन्हें सब गब्बर के नाम से जानते हैं, इन दिनों क्रिकेट से ज्यादा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ की वजह से सुर्खियों में हैं । ऑनलाइन बेटिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने धवन से पूछताछ की । वह गुरुवार सुबह 11 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे और जांच में शाम‍िल हुए ।

बता दें कि धवन 1X app प्रमोट कर रहे थे । ईडी इस ऑनलाइन बेटिंग एप से जुड़े वित्तीय लेन-देन और संभावित निवेश की जांच कर रही है । बताया जाता है कि शिखर धवन के कुछ पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स और पैसों के लेन-देन की भी जांच की रही है । इस केस में पहले सुरेश रैना जैसे नाम भी सामने आ चुके हैं, और अब धवन से पूछताछ से मामला और गरमा गया है। 

1xBet से कनेक्शन के कारण रैना से भी हुई थी पूछताछ

ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स का मामला अब धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है । इन्हीं में से एक कंपनी 1xBet ने पिछले साल दिसंबर में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना को अपना गेमिंग एंबेसडर बनाया था। कंपनी ने कहा था कि रैना खेल प्रेमियों को जिम्मेदारी से बेटिंग करने के लिए प्रेरित करेंगे और इसी वजह से उन्हें 'रेस्पॉन्सिबल गेमिंग एंबेसेडर' नाम दिया गया । लेकिन रैना अब ED की रडार पर आ गए हैं ।

प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू किया है । इसमें 1xBet, FairPlay, Parimatch और Lotus365 जैसे नाम शामिल हैं। एजेंसी यह देख रही है कि आखिर किन क्रिकेटरों और फिल्मी सितारों ने इनका प्रचार किया और इससे क्या नियमों का उल्लंघन हुआ ?

इसी जांच के तहत पहले ही हरभजन सिंह और युवराज सिंह जैसे क्रिकेटरों से सवाल-जवाब हो चुके हैं। साथ ही सोनू सूद और उर्वशी रौतेला जैसे एक्टर्स से भी पूछताछ की गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला और बड़े चेहरों तक पहुंच सकता है।

1xBat और 1xBat Sporting Lines, जैसे नकली नामों का इस्तेमाल

बताया जाता है कि है की, ये बेटिंग ऐप्स अपने प्रचार के लिए असली नाम की जगह 1xBat और 1xBat Sporting Lines जैसे नकली नामों का इस्तेमाल कर रहे हैं । इनके विज्ञापनों में दिए गए QR कोड स्कैन करने पर लोग सीधे सट्टेबाजी वाली असली वेबसाइट्स तक पहुँच जाते हैं। 

Google और  Meta जैसे बड़े टेक प्लेटफॉर्म्स को भी नोटिस भेजा जा चुका है, क्योंकि उन पर इन बेटिंग ऐप्स के विज्ञापन और प्रमोशन चलाए गए थे, जबकि सरकार ने ऐसे प्रचार पर पहले ही रोक लगा रखी है।