पश्चिम बंगाल की इमेज लगातार तार-तार हो रही है। एक बार फिर वो हुआ जो नहीं होना चाहिए। आरजी कर कांड अभी लोग भूले नहीं हैं। अब नया मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की नई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को एक बार फिर झकझोर दिया है। आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही ओडिशा के जालेश्वर जिले की रहने वाली एक सेकंड ईयर एमबीबीएस छात्रा के साथ 10 अक्टूबर 2025 की रात को गैंगरेप को अंजाम दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि छात्रा अपने एक पुरुष मित्र वासिफ अली के साथ कॉलेज गेट के पास रात करीब 8:30 बजे डिनर के लिए बाहर निकली थी। इसी दौरान कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन्हें रोका, छात्रा को कॉलेज के पास एक जंगल क्षेत्र में घसीट लिया और चार से पांच लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। छात्रा की हालत गंभीर बताई जा रही है।फिलहाल उसका दुर्गापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जांच और कानूनी कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। छात्रा का मेडिकल कराया गया । उसके बयान के आधार पर न्यू टाउनशिप पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। जांच के दौरान छात्रा के मित्र वासिफ अली को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी के रूप में तीन अन्य पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया गया। पश्चिम बंगाल सरकार ने कॉलेज प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है, जबकि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की एक टीम दुर्गापुर पहुंचकर पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात कर रही है।
ओड़िशा सरकार ने किया हस्तक्षेप
ओडिशा सरकार ने भी मामले में हस्तक्षेप किया है और पीड़िता के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। हालांकि, अभी भी कुछ आरोपी फरार बताए जा रहे हैं और पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।
लोगों में गुस्सा, राज्य सरकार पर सवाल
इस घटना ने दुर्गापुर में भारी जनाक्रोश पैदा कर दिया। गुस्साए लोगों ने मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर हंगामा किया, न्याय और सख्त कार्रवाई की मांग की। डॉक्टर्स और छात्र संगठनों ने इसे 'आरजी कर मेडिकल कॉलेज कांड' की याद दिलाने वाला बताया, जहां 2024 में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद पूरे देश में आंदोलन हुआ था।
सियासत भी शुरू
विपक्षी दल बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसे 'राज्य में अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना' करार दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना की कड़ी निंदा की और पश्चिम बंगाल सरकार से त्वरित न्याय की अपील की। यह मामला एक बार फिर पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, जहां हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।