राजस्थान और मध्यप्रदेश में 13 से अधिक बच्चों की मौत कोल्ड ड्रिफ्ट कफ सिरप पीने के कारण हुई है। जांच में पाया गया कि इस सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की भारी मात्रा थी, जो एक जहरीला इंडस्ट्रियल केमिकल है और किडनी फेलियर सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न करता है। यह सिरप तमिलनाडु की श्रीशन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी का उत्पाद है।
तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और केरल में इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है, जबकि अन्य राज्यों में जांच जारी है। यह घटना केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की दवाओं की सुरक्षा जांच पर सवाल खड़े करती है।
कफ सिरप का नशाः किशोरों के लिए जानलेवा खतरा
कफ सिरप में मौजूद डेक्सट्रोमेथॉर्फन नामक तत्व, जो खांसी को रोकता है, ज्यादा मात्रा में सेवन पर नशा पैदा करता है। इसे 'ट्रिपल सी', 'ऑरेंज क्रश' या 'रेड डेविल्स' जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह सस्ता और बिना प्रिस्क्रिप्शन आसानी से उपलब्ध होने के कारण किशोरों में तेजी से फैल रहा है। सोशल मीडिया पर इस नशे के खतरनाक प्रयोग और टिप्स भी वायरल हो रहे हैं। अधिक मात्रा में सेवन से बेहोशी, सांस रुकना, किडनी और लिवर डैमेज तथा मौत तक हो सकती है।
अमेरिका के सर्वे के अनुसार, कफ सिरप से नशा करने वाले किशोर प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स उपयोग करने वालों से अधिक हैं, और भारत में भी यह समस्या बढ़ रही है।
जागरूकता और सावधानी जरूरी
माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें और उन्हें इस खतरनाक नशे के बारे में समझाएं। अगर कोई बच्चा या किशोर नशे का शिकार हो गया है तो उसे समय पर मदद दिलाना बहुत जरूरी है।
आप हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल कर सकते हैं या नजदीकी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं। इस तरह की समस्या से बचने के लिए हम सबको जागरूक होना चाहिए और दूसरों को भी इस बात के बारे में बताना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।