पहलगाम हमले को लेकर भावुक हुए सीएम अब्दुल्ला, बोले-'मेरे पास शब्द नहीं...'

Authored By: News Corridors Desk | 28 Apr 2025, 03:02 PM
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (28 अप्रैल) को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया। 22 अप्रैल को बेसरन घाटी में हुए इस हमले में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट कहा कि वह इस हमले की त्रासदी का राजनीतिक लाभ नहीं उठाएंगे। उन्होंने कहा, "पहलगाम के बाद, मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? क्या मेरी राजनीति इतनी सस्ती है?" उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार भविष्य में राज्य के दर्जे की मांग जरूर करेगी, लेकिन इस दुखद घड़ी में नहीं।

पर्यटकों की सुरक्षा में असफलता स्वीकार की

मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि, भले ही सुरक्षा सीधे तौर पर राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी, फिर भी बतौर मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री, पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य था। उन्होंने कहा, "मेजबान होने के नाते, पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा दायित्व था। मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं।"

उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को केवल बंदूकों से नहीं, बल्कि जनता के समर्थन से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "जब लोग हमारा समर्थन करेंगे, तब उग्रवाद और आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। यह इसकी शुरुआत है। हमें ऐसा कोई बयान या कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे।"

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक पूरे जम्मू-कश्मीर में लोगों ने घरों से बाहर निकलकर इस जघन्य हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, "26 सालों में पहली बार मैंने ऐसा जनआंदोलन देखा है। इस हमले ने हमें अंदर से झकझोर दिया है।"

 धार्मिक पहचान के आधार पर हत्या

22 अप्रैल को बेसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछी। जो लोग 'कलमा' (इस्लामिक धार्मिक मंत्र) पढ़ने में विफल रहे, उन्हें गोली मार दी गई। इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की जान गई। बचे हुए पीड़ितों ने यह जानकारी दी।

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद वादा किया था कि भविष्य में जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उमर अब्दुल्ला ने इस वादे का स्मरण करते हुए कहा कि राज्य का दर्जा मांगने का उचित समय बाद में आएगा, न कि इस शोक की घड़ी में।