केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के एक बयान ने बिहार की राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है। उन्होनें बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की इच्छा जताई है। चिराग पासवान ने कहा है कि मेरा बिहार मुझे बुला रहा है। चिराग ने कहा है कि वह ज्यादा समय केंद्र की राजनीति में नहीं रहना चाहते, ऐसे समय में चिराग पासवान का यह बयान बहुत अहम हो जाता है। उनके इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। चिराग के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए है। क्या चिराग पासवान बिहार चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं? क्या वो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं?
चिराग पासवान के बयान के बड़े राजनीतिक मायने

चिराग पासवान ने कहा है कि, मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है, मेरे पिताजी केंद्र की राजनीति में ज्यादा सक्रिय रहे थे, लेकिन मेरी प्राथमिकता बिहार है और मैं ज्यादा समय तक केंद्र में नहीं रहना चाहता। चिराग बिहार से ही लोकसभा सांसद हैं और उनकी पार्टी के पांचों सांसद भी बिहार से ही हैं, तो फिर चिराग बिहार में किस राजनीतिक सक्रियता की बात कर रहे हैं? बता दें कि चिराग की माता रीना पासवान की वह बात कि मेरा चिराग साहेब यानी रामविलास पासवान के सपने को पूरा करेगा। आखिर साहेब यानी रामविलास पासवान का कौन सा सपना था जो अधूरा रह गया? तो इसका जवाब है बिहार का सीएम बनने का सपना। रामविलास पासवान दलितों के बड़े नेता बने। केंद्र में कई बार बेहद अहम मंत्रालयों को संभाला। रेल मंत्री भी बने, लेकिन सीएम नहीं बन सके। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि अब चिराग उसी सपने को यानी बिहार का सीएम बनने के सपने को पूरा करने बिहार आना चाहते हैं। आपको बता दें कि इन दिनों वो बिहार के कई जिलों में भी जा रहे हैं और 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। उनकी सभाओं में युवाओं की उमड़ती भीड़ और कार्यकर्ताओं की मांग के बाद चिराग पासवान के इस बयान के बड़े सियासी मायने हैं।
बिहार चुनाव से पहले एनडीए के भीतर नई राजनीति
बिहार में एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। चिराग पासवान भी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि बिहार चुनाव सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। लेकिन, इस बीच उनके इस बयान ने बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है। साथ ही एनडीए के भीतर भी उथल-पुथल मच सकती है। अगर चिराग पासवान बिहार की राजनीति में सक्रिय होते हैं तो राज्य में और एनडीए के अंदर एक नई तरह की राजनीति देखने को मिल सकती है।