क्या हो अगर AI इंसान का गुलाम न रहकर बेकाबू शैतान बन जाए? चीन ने हाल ही में एक ऐसी चेतावनी दी है, जिसने सबके होश उड़ा दिए। उसका कहना है कि अगर AI आउट ऑफ कंट्रोल हुआ तो आतंकियों को ऐसे हथियार बनाने की ताकत दे सकता है जो पूरी दुनिया को तबाह कर दें, ऐसा होने पर मौजूदा सिक्योरिटी सिस्टम बेअसर हो जाएंगे।
दुनियाभर की सेनाएं AI को अपने हथियार और ऑपरेशंस को सुपरफास्ट करने में इस्तेमाल कर रही हैं। इसका ताजा उद्हारण है जून 2024 का इजराइल-ईरान टकराव, जहां इजराइल ने AI-बेस्ड हथियारों से इरान पर हमला किया था। लेकिन अब चीन ने जो चेतावनी दी है, वो किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है।
आतंकी संगठनों तक पहुंच सकती है जानकारी
15 सितंबर, सोमवार को आए एक नए AI सेफ्टी गवर्नेंस डॉक्यूमेंट में चीन की साइबर सिक्योरिटी टीम ने कहा, कि अगर AI को कंट्रोल नहीं किया गया तो ये न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल और मिसाइल वेपन्स से जुड़ा खतरनाक ज्ञान आम लोगों और आतंकी संगठनों तक पहुँच सकता है।
चीन की चेतावनी, दुनिया पर मंडराता खतरा!
चीन ने दुनिया को आगाह किया है कि AI की बेकाबू ताकत आतंकियों को तबाही का हथियार थमा सकती है। उसकी रिट्रीवल-ऑगमेंटेड जेनरेशन (RAG) तकनीक, जो इंटरनेट और डेटाबेस से भारी-भरकम जानकारी खींचकर जवाब बनाती है, किसी को भी आसानी से हथियारों की थ्योरी और डिजाइन तक पहुंचा सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो दुनिया के सिक्योरिटी सिस्टम घुटनों पर होंगे, और ग्लोबल शांति पर काला साया मंडराएगा। ये चेतावनी 2023 के ग्लोबल AI गवर्नेंस इनिशिएटिव का नया अपडेट है, जिसे चीन की नेशनल साइबरसिक्योरिटी कमिटी और नेटवर्क इमरजेंसी टीम ने मिलकर तैयार किया।
पहले भी गूंज चुकी है चेतावनी
2024 में चीन ने AI की डुअल-यूज टेक्नोलॉजी को खतरे की घंटी बताया था— यानी वही टेक्नोलॉजी जिसे आम कामों के साथ-साथ हथियार बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन नया डॉक्यूमेंट तो और डरावना है, जो सीधे मास डिस्ट्रक्शन वेपन्स के हथियारों की बात करता है। और हथियार ही नहीं, चीन का कहना है कि AI चैटबॉट्स लोगों को जुनून की हद तक जकड़ सकते हैं, और एजुकेशन-इनोवेशन पर भी इसका असर पड़ेगा।