भारतीय जनता पार्टी के 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस खास दिन को देश की प्रगति और एक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में बीजेपी की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा,
"पार्टी के स्थापना दिवस पर सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई। हम उन सभी को याद करते हैं जिन्होंने पिछले कई दशकों में हमारी पार्टी को मजबूत करने के लिए खुद को समर्पित किया। यह महत्वपूर्ण दिन हमें भारत की प्रगति की दिशा में काम करने और एक विकसित भारत के सपने को साकार करने की हमारी अद्वितीय प्रतिबद्धता को दोहराता है।"
सुशासन की नीति को मिल रहा है जनसमर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बीजेपी की नीति और कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि देश की जनता पार्टी के "सुशासन के एजेंडे" को देख और समझ रही है। उन्होंने कहा कि यही विश्वास बीते वर्षों में पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश दिलाता रहा है, चाहे वह लोकसभा चुनाव हों, राज्य विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय निकाय चुनाव।
उन्होंने भरोसा जताया कि बीजेपी की सरकारें आगे भी समाज की सेवा और सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देती रहेंगी।
कार्यकर्ता हैं पार्टी की असली रीढ़
पीएम मोदी ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करते हुए कहा,
"हमारी पार्टी की रीढ़, हमारे सभी मेहनती कार्यकर्ताओं को मेरी शुभकामनाएँ, क्योंकि वे सक्रिय रूप से ज़मीन पर काम करते हैं और हमारे सुशासन के एजेंडे को विस्तार से बताते हैं।"
उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि बीजेपी के कार्यकर्ता देश के हर कोने में चौबीसों घंटे गरीबों, दलितों और वंचित वर्गों की सेवा में लगे हैं। उनके जोश और समर्पण को प्रधानमंत्री ने "वास्तव में प्रेरक" बताया।
बीजेपी की स्थापना
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी। इसके पहले अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बने थे। पार्टी ने पहली बार 1984 के लोकसभा चुनाव में भाग लिया, जिसमें उसे केवल दो सीटों पर जीत मिली। इसके बाद पार्टी ने निरंतर प्रगति की।
1989: 85 सीटों पर जीत
1991: 120 सीटों पर विजय
1996: 161 सीटें
1999: एनडीए को पूर्ण बहुमत और बीजेपी को 183 सीटें
2004 के बाद ब्रेक, लेकिन
2014: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक बहुमत
2019: और भी अधिक जनसमर्थन के साथ फिर से सत्ता में वापसी