मथुरा से सांसद और बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर बेहद विवादास्पद बयान दिया है । उन्होंने कहा है कि,' बांके बिहारी कॉरिडोर तो बनकर रहेगा। कॉरिडोर जरूर बनेगा । जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें कहीं पर और जाकर बस जाना चाहिए।'
हेमा मालिनी के यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । उनके इस बयान की ना सिर्फ सोशल मीडिया पर लोग आलोचना कर रहे हैं बल्कि ब्रज क्षेत्र के लोगों में भी इसको लेकर काफी गुस्सा है । हेमा मालिनी बीजेपी सांसद हैं और उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब वृंदावन में कॉरिडोर निर्माण को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा है ।
विरोध करने वालों में कई स्थानीय निवासी, दुकानदार और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हैं, जो इस परियोजना को अपनी जमीन, घर और आजीविका पर खतरा मानते हैं ।
स्थानीय संगठनों और कई आम नागरिकों का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि को जनता की बात सुननी चाहिए, न कि उन्हें जगह छोड़कर चले जाने जैसा असंवेदनशील बयान देना चाहिए ।
क्या है बांके बिहारी कॉरिडोर योजना?
वृंदावन में हर साल लाखों श्रद्धालु श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यहां रोजाना करीब 40 से 50 हजार और सप्ताहांत में करीब एक लाख लोग श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए आते हैं । त्योहारों और जन्माष्टमी जैसे विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या इससे कई गुणा बढ़ जाती है ।
यहां इतनी भीड़ होती है कि कई बार हादसे हो जाते हैं। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने कॉरिडोर (गलियारा) बनाने की योजना बनाई है, जिससे दर्शन मार्ग चौड़ा हो सके और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।इस योजना के तहत मंदिर के आसपास के क्षेत्र में 275 मकान और दुकानें प्रभावित हो रही हैं। प्रशासन ने 2023 में एक सर्वे किया था, और अब उसी के आधार पर इन भवनों का सत्यापन किया जा रहा है। अब तक करीब 70 मकानों का सत्यापन पूरा हो चुका है।
क्यों हो रहा है कॉरिडोर का विरोध?
स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉरिडोर बनने से उनकी संपत्ति छिन जाएगी, और वे कई पीढ़ियों से जिस जगह पर रह रहे हैं, उसे छोड़ना पड़ेगा । इसी तरह दुकानदारों का कहना है कि उनके व्यवसाय प्रभावित होंगे और वे बेरोजगार हो जाएंगे ।
मंदिर की व्यवस्था संभालने वाले गोस्वामी समाज के लोग भी विरोध कर रहे हैं । उनका कहना है कि श्री बांके बिहारी मंदिर उनका है और कई पीढ़ियों से वो लोग 'ठाकुरजी' की सेवा करते आ रहे हैं लेकिन अब सरकार इसे छीनने की कोशिश कर रही है । गोस्वामी समाज के सेवादार ने श्री बांके बिहारी जी को लेकर चले जाने और कहीं और विराजमान कराने की चेतावनी भी दे रहे हैं ।
बहुत से लोग इसको लेकर लोग समय-समय पर प्रदर्शन, धरना और सोशल मीडिया के ज़रिए विरोध जता रहे हैं । हालांकि सभी लोग कॉरिडोर का विरोध कर रहे हों ऐसा भी नहीं है । समर्थन करने वालों का कहना है कि यह कॉरिडोर वृंदावन की छवि और सुविधाओं को सुधारने में मदद करेगा । इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा और श्रद्धालुओं को भीड़भाड़ से राहत भी मिलेगी ।