हिंदू पुजारी चिन्मय दास के पीछे हाथ धोकर पड़ी बांग्लादेश सरकार, चार और मामलों में गिरफ्तारी के आदेश

Authored By: News Corridors Desk | 06 May 2025, 05:53 PM
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बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस की सरकार इस्कॉन (ISKCON) से जुड़े हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास को जेल से न निकलने देने के लिए लगातार नए-नए हथकंडे अपना रही है । पहले से ही जेल में बंद चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ अब चार और मामलों में गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं । 

चटगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसएम अलाउद्दीन महमूद ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया । गौरतलब है कि एक दिन पहले अदालत ने चिन्मय दास के खिलाफ हत्या के एक केस में भी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे । अब चार और मामलों में इसी तरह के आदेश जारी कर दिए गए हैं । 

राजद्रोह मामले में जमानत मिलने के बाद लादे नए मामले

चिन्मय कृष्ण दास राजद्रोह के एक आरोप में जेल में बंद हैं और करीब छह महीने बाद इस केस में उन्हे हाल ही में जमानत मिली थी । परन्तु मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार नहीं चाहती है कि चिन्मय दास किसी भी सूरत में जेल से बाहर निकलें । इसलिए एक ओर बांग्लादेश सरकार ने इस जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उधर दूसरी ओर उनपर एक-के बाद एक नए मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं । 

चिन्मय दास को 25 नवंबर 2024 को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था । उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था । हालांकि चिन्मय दास आरोप से साफ इनकार करते हैं और इसे सरकार की साजिश बताते हैं । 

चिन्मय दास के पीछे क्यों पड़ी यूनुस सरकार ? 

पिछले साल बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद जब मोहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार बनी तो इसके बाद से अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर  चौतरफा हमले शुरू हो गए । बड़ी संख्या में हिंदुओं की हत्या की गई और उनकी महिलाओं के साथ बालात्कार का मामला सामने आया ।

 कई जगहों पर हत्यारों ने मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ा । लेकिन इन तमाम घटनाओं के दौरान वहां की पुलिस और अन्य सुरक्षा बल मूक दर्शक बने रहे । 
हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास ने आवाज बुलंद की और जल्द ही एक मुखर सामाजिक और धार्मिक नेता के रूप में उभरे । 

उनके आह्वान पर बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उतर आए । माना जाता है कि इससे बांग्लादेश की सरकार परेशान हो उठी और चिन्मय दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मुकदमा दर्ज कर उन्हे जेल में डाल दिया । तबसे वो जेल से बाहर नहीं निकल पाए हैं । 
राजद्रोह के मामले में जमानत मिलने के बाद उनके बाहर निकलने की उम्मीद जगी थी परन्तु सरकार ने पांच और मुकदमे दर्ज करा दिए ।