असम PCS अधिकारी नूपुर बोरा पर भ्रष्टाचार का छापा: PCS अधिकारी की लूट और सिस्टम पर सवाल।

Authored By: News Corridors Desk | 17 Sep 2025, 05:29 PM
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मेहनत से एक इंतहान पास करो और लगा लो पैसा कमाने की मशीन! क्या देश का सिस्टम नौकरशाहों ने ऐसा बना दिया है। क्या महज़ 5 साल की सरकारी नौकरी में एक PCS अधिकारी के पास 1 करोड़ कैश, 1 करोड़ के सोने-हीरे-जवाहरात, ज़मीने और पता नहीं क्या? सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे, जब इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ तो मुख्यमंत्री भी हैरान रह गए। अब जनता पूछ रही है कि क्या ऐसे केस अखबारों की हेडलाइन बनकर रह जाएंगे और सिस्टम फिर से सब चलता है वाले मोड़ में चला जाएगा या कड़ा संदेश देकर इस पर लगाम लगाई जाएगी। क्या जनता को ऐसे अधिकारी भड़का नहीं रहे हैं जिनके अंदर जनसेवा, देशसेवा का भाव नहीं केवल फ़ाइल पास करने का पैसा लेने का भाव है, आख़िर जनता के पैसे पर ऐसे अधिकारी अपनी लूट की दुकान कब तक चलाते रहेंगे, क्या जेनडी सड़कों पर आएगा और नेपाल वाला हाल ऐसे अधिकारियों का चुन चुन कर होगा तभी इनको समझ में आएगा। गुस्सा स्वाभाविक है क्योंकि अब बस बहुत हो गया।

CM हुए हैरान: 5 साल में 2 करोड़ की काली कमाई।

असम की सिविल सेवा की अफसर नूपुर बोरा अब सुर्खियों में हैं, लेकिन किसी तारीफ के कारण नहीं, बल्कि करोड़ों की काली कमाई और कैश-गहनों के मामले में। गोरोइमारी, कामरूप में सर्कल ऑफिसर के पद पर तैनात नूपुर के घर और किराए के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस सेल ने छापेमारी की, बरामद चीजों को देखकर सबकी आंखें खुली रह गईं। गुवाहाटी के घर से 92 लाख रुपये कैश और करीब 1 करोड़ रुपये के सोने-हीरे के जेवरात बरामद हुए, जबकि बारपेटा के किराए के घर से 10 लाख रुपये और मिले। जरा सोचिए, नौकरी सिर्फ 5 साल की और घर में कैश-गहनों की इतनी भरमार! 

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी कहा कि यह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। कभी प्रशासनिक जगत का चमकता सितारा मानी जाने वाली नूपुर अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। जनता सोच रही है कि इतनी कम उम्र और सिर्फ कुछ सालों की नौकरी में इतनी दौलत कैसे जमा हुई—क्या यह ईमानदारी की कमाई थी या फिर सिस्टम में कहीं छिपा भ्रष्टाचार सामने आया? असम के प्रशासनिक विभाग में हड़कंप मच गया है, और हर कोई इस मामले की अगली कड़ी का इंतजार कर रहा है।

कैश, सोना और जमीन के खेल में फंसी सिविल अफसर!

नूपुर बोराह पर हाल ही में गहरी निगरानी के बाद कार्रवाई की गई है। 2019 में सिविल सेवा में शामिल होने के बाद उन्हें एक जिम्मेदार और मेहनती अफसर माना जाता था, लेकिन अब उनके खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार और अवैध सौदों के आरोप सामने आए हैं। छापेमारी में गुवाहाटी और बारपेटा के ठिकानों से भारी मात्रा में कैश और सोना-जेवरात बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि उनके करीबी सहयोगी लाट मंडल सुरजीत डेका भी इस नेटवर्क में शामिल थे, और दोनों ने मिलकर कई जमीन संपत्तियों पर कब्जा जमाया। 

जांच में यह भी सामने आया, कि बारपेटा में तैनाती के दौरान नूपुर बोरा ने समुदाय की जमीनों की खरीद-फरोख्त में कथित तौर पर मदद की और इसके बदले घूस ली। इस पूरे मामले ने न केवल प्रशासनिक विभाग में हलचल मचा दी है, बल्कि जनता के बीच भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि कैसे इतनी कम समय में इतनी संपत्ति जमा हो गई। अब सवाल ये है कि सिस्टम में नूपुर जैसे कितने दीमक हैं जो देश के विकास को सड़ा गला रहे हैं….बर्बाद कर रहे हैं, अपना जवाब हमें कमेंट करके ज़रूर भेजिए ताकि हम ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को आपके ला सकें।