एशिया कप का 9वीं बार फ़ाइनल जीत कर भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया लेकिन क्या ट्रॉफी न लेने की वजह से सूर्या एंड टीम चेंपियन नहीं मानी जाएगी ? क्रिकेट के मैदान पर भारत-पाकिस्तान की जंग हमेशा से ही आग उगलती रही है, लेकिन एशिया कप 2025 का फाइनल तो एक नया ज्वालामुखी फोड़ गया. दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर रिकॉर्ड नौवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया. तिलक वर्मा की नाबाद 69 रनों की पारी और रिंकू सिंह के फिनिशिंग टच ने मैदान पर तिरंगे की लहरें ला दीं। लेकिन जीत की खुशी के ठीक बाद भारतीय टीम ने जो जज्बा दिखाया, वो क्रिकेट इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया टीम इंडिया ने ट्रॉफी ही नहीं ली।
सूर्य कुमार ने पाकिस्तानी मंत्री के हाथ से ट्रॉफी लेने से किया इनकार
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैंने कभी ऐसा नहीं देखा कि एक चैंपियन टीम को ट्रॉफी नहीं दजी जाएगी. हमने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन असली ट्रॉफी तो हमारे ड्रेसिंग रूम में बैठे 14 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ है। लेकिन सवाल ये उठता है क्या बिना ट्रॉफी के भारत की ये जीत अधूरी मानी जाएगी? और क्या एशिया कप जैसी प्रतिष्ठित ट्रॉफी के बिना कोई टीम वाकई चैंपियन नहीं होती? आइए, इस विवाद की परतें खोलते हैं।
पाकिस्तानी गृहमंत्री क्यों भारत को ट्रॉफी देने आया ?
41 साल में पहली बार एशिया कप का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया. भारतीय टीम ने सीरीज़ का तीसरा मैच पाकिस्तान को हराया और ट्रॉफी अपने नाम कर ली, मैच खत्म होते ही जश्न का माहौल था, लेकिन प्रेजेंटेशन सेरेमनी में ट्रॉफी देने एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष,पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ और पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी आ गए जो भारतीय टीम को नागवार गुजरा. पहलगाम हमले से नाराज़ भारतीय टीम ने नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद नकवी ट्रॉफी और मेडल्स लेकर चले गए. नकवी ने स्टेज पर काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन आखिरकार ट्रॉफी को बैकस्टेज ले जाया गया. भारतीय खिलाड़ी हार्दिक पांड्या, अभिषेक शर्मा और अन्य ने खाली पोडियम पर ही सेल्फी लीं और जश्न मनाया। सूर्यकुमार ने यहां तक रोहित शर्मा के टी20 वर्ल्ड कप 2024 वाले आइकॉनिक वॉक को कॉपी भी किया, लेकिन हाथ में ट्रॉफी के बजाय हवा थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई पाकिस्तान की बेइज्जती
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. एक वायरल वीडियो में दिखा कि कैसे नकवी स्टेज से ट्रॉफी लेकर चले गए, जबकि भारतीय टीम बिना मेडल्स के ही होटल लौट आई. एक्स पर #AsiaCupTrophy ट्रेंड करने लगा, जहां पर कुछ फैंस ने इसे ऑपरेशन सिंदूर का मैदानी जवाब करार दिया तो कुछ ने ऑपरेशन तिलक नाम दिया
क्या भारत एशिया कप का चैंपियन बना या नहीं ?
एशिया कप 1984 में शुरु हुआ था पहली ट्रॉफी भारत ने श्रीलंका को हराकर जीती थी. तब से अब तक 16 एडिशंस में भारत ने सबसे ज्यादा 9 बार ट्रॉफी पर कब्जा किया है. श्रीलंका के नाम 6, जबकि पाकिस्तान सिर्फ 2 बार जीता है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या ट्रॉफी के बिना जीत को वैध माना जाएगा.
क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, ट्रॉफी एक प्रतीक मात्र है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल या एसीसी के कोड में कहीं नहीं लिखा कि ट्रॉफी न मिलने पर चैंपियनशिप रद्द हो जाएगी. नियमों के मुताबिक़ कप्तान का ट्रॉफी लेने से मना करना आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है, लेकिन कोई सख्त सजा का प्रावधान नहीं. बीसीसीआई नवंबर में आईसीसी की अगली मीटिंग में नकवी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है. फिलहाल, भारत को आधिकारिक रूप से चैंपियन घोषित किया गया है ट्रॉफी बाद में भेजी जा सकती है.
दिल जीतने वाली टीम के स्टेज जीतने ना जीतने से क्या फर्क पड़ता है ?
फिर भी, फैंस के दिल में एक टीस है. कुछ लोग इसे क्रिकेट के 148 साल के इतिहास का सबसे हैरतअंगेज वक्या करार दे रहे हैं . लेकिन अब सवाल वही क्या बिना चांदी के भारत की इस जीत की चमक कम हो गई या सूर्या एंड टीम ने पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया. वैसे एकबात क्रिकेट में हमेशा कही जाती है चैंपियनशिप मैदान पर जीती जाती है, न कि स्टेज पर