राहुल की यात्रा खत्म होते ही तेजस्वी की अलग बिहार यात्रा: क्या वजह है?

Authored By: News Corridors Desk | 15 Sep 2025, 07:05 PM
news-banner

बिहार की सियासत में कब क्या बदल जाए किसी की समझ में ही नहीं आता। अब देखिए शानदार वोटर अधिकार यात्रा राहुल और तेजस्वी ने पूरे बिहार में 1300 किमी तक निकाली लेकिन उसमें राहुल ज्यादा दिखे तेजस्वी कम इसीलिए अब तेजस्वी को लग रहा है, कि राहुल को जवाब देने के लिए उन्हें अकेले यात्रा पर निकलना पड़ेगा। शायद इसलिए भी कि बड़े भाई वाला तमगा राहुल छीनने की कोशिश न करें। कहीं इन सबके पीछे पप्पू यादव को प्रमोट करना तो नहीं है। या फिर सियासी खेल कुछ और ही है, जो तेजस्वी को  दोबारा यात्रा निकालनी पड़ी। 

तेजस्वी यादव को अकेले बिहार यात्रा क्यों करनी पड़ रही है?

तेजस्वी यादव मंगलवार से अपनी ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकल रहे हैं, जो 16 सितंबर को जहानाबाद से शुरू होकर 20 सितंबर को वैशाली में खत्म होगी। पांच दिनों में यह यात्रा 10 जिलों से होकर गुजरेगी और तेजस्वी हर विधानसभा क्षेत्र में जनता से सीधे संवाद करेंगे। केवल जनसभाओं तक ही सीमित नहीं, बल्कि यह यात्रा उनके लिए आरजेडी की राजनीतिक ब्रॉडिंग का भी मौका है। 

प्रदेश महासचिव रणविजय साहू ने सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों को सक्रिय होने के निर्देश दिए हैं, ताकि जनता और पार्टी दोनों में उत्साह बना रहे। यानी यह सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव के लिए जनता के बीच अपनी छवि मजबूत करने और सियासी माहौल को गर्म करने का एक रोमांचक अभियान भी है।

कमज़ोर इलाकों में सियासी छाप छोड़ने के लिए, तेजस्वी की यात्रा का रोडमैप।

इन जिलों को बीजेपी और जेडीयू का मजबूत गढ़ माना जाता है, इसलिए यह स्पष्ट है कि तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के जरिए उन इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं, जिन्हें आरजेडी के लिए कमजोर माने जाता है। उनका उद्देश्य सिर्फ जनता से संवाद करना नहीं, बल्कि पार्टी के पक्ष में सियासी माहौल तैयार करना और स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश और सक्रियता लाना भी है। इस यात्रा के जरिए तेजस्वी यादव महागठबंधन में अपनी प्रमुख भूमिका और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को भी मजबूती देने की कोशिश कर रहे हैं। आप क्या सोचते हैं? तेजस्वी यादव की यह यात्रा आरजेडी के लिए प्रभावी साबित होगी या सिर्फ राजनीतिक ड्रामा है? ये तो अच्छी तैयारी है लेकिन सवाल ये है की अचानक से क्यों?

चुनाव में यात्रा निकालना बहुत आम बात है, बिहार में प्रशांत किशोर केवल यात्रा करके ही अपनी ज़मीन तैयार कर लिए, तेज प्रताप अलग यात्रा पर निकले हुए हैं, सीधे सीधे तेजस्वी को चुनौती दे रहे हैं ऐसे में अगर तेजस्वी पटना में बैठ गए तो संदेश ग़लत चला जाएगा और राहुल के साथ यात्रा में इमेज ऐसे भी राहुल की चमकी तेजस्वी की नहीं तो कहीं सियासी नुक़सान बड़ा ना हो जाए, शायद इसीलिए तेजस्वी ने यात्रा का रास्ता चुना है तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ का आगाज़ जहानाबाद से होगा। इसके बाद वे पटना, खगड़िया, सहरसा, समस्तीपुर होते हुए वैशाली तक का लंबा सफर तय करेंगे। इसी के साथ तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा, गिरिराज सिंह के गढ़ बेगूसराय और पप्पू यादव के क्षेत्र मधेपुरा और सुपौल से भी गुजरेंगे, जिससे यह यात्रा राजनीतिक रूप से और भी महत्व रखती है।