केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पहली खुलकर बोला है । न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने विपक्ष की कॉन्सपिरेसी थ्योरी को खारिज करते हुए कहा कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया । उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं के इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति को सरकार द्वारा 'नजरबंद' किए जाने की आशंका जताई जा रही थी ।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने स्पष्ट रुप से अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारण को बताया है । उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और डॉक्टर्स की सलाह का पालन करने की बात कही है।जब अमित शाह से चल रही उस चर्चा के बारे में पूछा गया जिसमें कहा जा रहा था कि पूर्व उपराष्ट्रपति शायद तख्तापलट की कोशिश में थे । इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था । इस मामले बेहजह तूल दिया जा रहा है । बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए । इस मुद्दे पर अनावश्यक हंगामा खड़ा करना ठीक नहीं है।
धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा काम किया -अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान संवैधानिक जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाया और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य मंत्रियों और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया । अमित शाह ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा करना देश के संवैधानिक ढांचे का अपमान है । उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि इस मामले में सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए और बेकार के विवादों से बचना चाहिए।
बता दें कि 21 जुलाई 2025 को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे की वजह बताया था । परन्तु जिस तरह उन्होंने अचानक इस्तीफा दिया उससे न सिर्फ लोगों को हैरानी हुई बल्कि उसको लेकर राजनैतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चा भी शुरू हो गई । उनके इस्तीफे को लेकर कई कॉन्सपिरेसी थ्योरी भी प्लांट किए जाने की कोशिश की जाने लगी । परन्तु इसके बावजूद सत्तापक्ष के किसी बड़े नेता या मंत्री का बयान नहीं आया । अब गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार इस मुद्दे पर बोला है ।
विपक्ष ने शुरू की मुद्दे को भुनाने की कोशिश
इस्तीफे के बाद से पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जिस तरह से सार्वजनिक रुप से अनुपस्थित रहे, उसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को घेरने की भरपूर कोशिश की । यहां तक कहा गया कि सरकार ने उन्हे चुप करा दिया है और दबाव की वजह से वो सबके सामने नहीं आ रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तंज करते हुए पूछा था कि, पिछला उपराष्ट्रपति कहां चला गया? क्या किसी को पता है ?