असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर अप्रत्यक्ष रूप से गंभीर आरोप लगाए हैं। एक जनसभा और प्रेस बातचीत के दौरान सरमा ने दावा किया कि असम का एक सांसद भारत सरकार को सूचित किए बिना 15 दिनों तक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहा और उसके पाकिस्तान दूतावास से भी संबंध हैं। हालाँकि, उन्होंने सीधे तौर पर गोगोई का नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ स्पष्ट रूप से उनकी ओर इशारा करता है।
गौरव गोगोई की पत्नी पर भी सवाल
भाजपा और मुख्यमंत्री सरमा लगातार कांग्रेस सांसद गोगोई की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संबंध होने की बात उठा रहे हैं। हालांकि इस आरोप के कोई ठोस सबूत अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन सरमा ने कहा कि “बहुत कुछ सामने आना बाकी है” और 30 सितंबर तक राज्य की जनता सबूतों के साथ पूरी सच्चाई देखेगी।
"नमाज वहीं जाकर सीखी" – सरमा का कटाक्ष
मुख्यमंत्री सरमा ने रमजान और ईद के दौरान गोगोई द्वारा नमाज पढ़ने की तस्वीरों और वीडियो का हवाला देते हुए कहा:
"हमें सबूत मिले हैं कि वह बिना सूचना दिए पाकिस्तान में रहा। मेरा मानना है कि उसने वहीं नमाज पढ़ना सीखा।"
सरमा की यह टिप्पणी न केवल राजनीतिक हमला थी, बल्कि धार्मिक प्रथाओं को भी निशाने पर लेकर विवाद खड़ा कर रही है।
सरमा ने आगे कहा:
“पाकिस्तान हमारा बड़ा दुश्मन है, लेकिन देश में रहकर पाकिस्तान की तारीफ करने वाले उससे भी बड़े दुश्मन हैं। हम बाहर के दुश्मनों को पहचान सकते हैं, लेकिन घर के अंदर छुपे दुश्मनों की पहचान मुश्किल है।”
इस बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के समर्थन का आरोप लगाने की कोशिश की।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक कांग्रेस पार्टी की ओर से इन आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि गोगोई या पार्टी नेतृत्व जल्द ही इन दावों का जवाब देंगे। इससे पहले भी कई बार कांग्रेस ने भाजपा पर विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
चूंकि असम में पंचायत चुनाव नजदीक हैं, मुख्यमंत्री सरमा के यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं। भाजपा का यह प्रयास दिखता है कि वो राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति के मुद्दे को उभारकर विपक्ष को कठघरे में खड़ा करे।