छांगुर का नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी एजेंसियां, बलरामपुर और मुंबई में 14 ठिकानों पर ईडी की रेड

Authored By: News Corridors Desk | 17 Jul 2025, 01:34 PM
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उत्तर प्रदेश एटीएस के बाद अब ईडी ने भी धर्मांतरण और हवाला का रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बलरामपुर और मुंबई में छांगुर और उसके करीबी लोगों के ठिकानों पर ईडी दबिश दी ।

गुरुवार सुबह पांच बजे शुरू हुई कार्रवाई में 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए । उधर यूपी एटीएस भी एक्शन मोड में है । छांगुर की काली करतूतों की पोलखोलने वाले  गवाहों पर हमला करने वाले उसके तीन गुर्गों को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है । छांगुर के बाद अब उसका भतीजा सोहराब भी एटीएस की गिरफ्त में आ चुका है । 

ईडी की 14 ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड

गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बलरामपुर से लेकर मुंबई तक छांगुर और उसके करीबियों के 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की । बलरामपुर में 12 और मुंबई के बांद्रा और माहिम में 2 ठिकानों पर छापा मारा गया । ईडी को छांगुर के सहयोगियों नवीन और नीतू उर्फ़ नसरीन के बैंक खातों से करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के सुराग मिले थे । मुंबई में यह कार्रवाई शहजाद शेख नामक व्यक्ति के ठिकानों पर की गई, जिसके खाते में नवीन ने दो करोड़ रुपये भेजे थे।

बलरामपुर के मधपुर गांव में छांगुर के निवास पर भी ईडी की टीम ने सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर तक गहन तलाशी अभियान चलाया। प्रवर्तन निदेशालय अब छांगुर की पूरी अवैध संपत्ति की जब्ती की प्रक्रिया में जुटी है। ईडी ने उसकी संपत्तियों का पूरा ब्यौरा यूपी की जांच एजेंसियों से मांगा है, ताकि कानूनी कार्रवाई को तेज़ किया जा सके।

एटीएस की गिरफ्त में छांगुर का भतीजा

यूपी एटीएस ने बुधवार की रात को छांगुर के भतीजे सोहराब को भी गिरफ्तार कर लिया । उसे आजमगढ़ जिले के उतरौला इलाके से गिरफ्तार किया गया । बताया जाता है कि सोहराब को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में धर्मांतरण और धन के लेनदेन की जिम्मेदारी दी गई थी । एटीएस अब तक इस नेटवर्क से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है । उनसे अबतक की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं और एटीएस बाकी के राज उगलवाने में जुटी है । 

70 करोड़ रुपये का लेनदेन, विदेशी कनेक्शन की जांच

ईडी और अन्य एजेंसियों ने अब तक छांगुर के 18 से अधिक बैंक खातों का पता लगाया है, जिनमें लगभग 70 करोड़ रुपये जमा पाए गए हैं। पिछले तीन महीनों के भीतर ही करीब 8 करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया है । एजेंसियां अब इस रैकेट के यूएई, सऊदी अरब और तुर्की समेत अन्य इस्लामिक देशों से जुड़े फंडिंग और हवाला नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी हैं । बताया जा रहा है कि छांगुर बड़े अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा है और उसका नेटवर्कउत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में फैला हुआ है । 

जांच में सामने आया है कि छांगुर के निशाने पर खासतौर से तीस साल से कम उम्र की हिंदू लड़कियां थी । पहले उन्हे चिन्हित कर स्कॉलरशिप, नौकरी और आर्थिक सहायता का लालच देकर ट्रैप किया जाता था । जाल में फंसने के बाद उनपर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया जाता था । इसके बाद भी जो लड़की तैयार नहीं होती उसके साथ जबरदस्ती की जाती और उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता था। छांगुर हमेंशा अपने गूर्गों से कोडवर्ड में बात करता था ताकि गोपनीयता बनी रहे ।