जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला अब एक बड़े आतंकी साजिश के रूप में सामने आ रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। घटना के बाद देशभर में गुस्सा और शोक की लहर है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मौन रखकर दी श्रद्धांजलि
हमले के विरोध में मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में भी इसकी गूंज सुनाई दी। मुख्य न्यायाधीश (CJI) की बेंच इस हमले के शोक में नहीं बैठी। वहीं, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मसीह की बेंच ने कोर्ट की कार्यवाही की शुरुआत दो मिनट के मौन से की।
इस दौरान, फायर ब्रिगेड की गाड़ी से सायरन बजाकर दो मिनट का मौन रखा गया और सायरन के साथ ही मौन समाप्त हुआ।
हमलावर आतंकियों की पहचान
जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि इस हमले को अंजाम देने वाले चार आतंकियों की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। इनमें से तीन आतंकियों की पहचान उनके कोड नामों से हुई है:
मूसा – असली नाम: आसिफ फौजी
यूनुस – असली नाम: सुलेमान शाह
आसिफ – कोड नाम: अबु तल्हा
इनमें से दो आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे और पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं। एक आतंकी, आसिफ शेख, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ बताया गया है।
बॉडी कैम से बनाई गई थी हत्या की वीडियो
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के शरीर पर बॉडी कैम लगे हुए थे, जिससे उन्होंने पूरी घटना का लाइव वीडियो बनाया। हमले के समय आतंकियों ने सबसे पहले टूरिस्टों को सिर झुकाने के लिए कहा और फिर AK-47 और अमेरिकी M-14 राइफल से अंधाधुंध गोलीबारी की।
घटना की जांच कर रही खुफिया एजेंसियों को घटनास्थल के पास से अत्याधुनिक संचार उपकरण मिले हैं। इससे संकेत मिलता है कि आतंकियों को बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट मिल रहा था।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के सीधे संपर्क में थे और हमले की पूरी जानकारी लाइव साझा की जा रही थी।
जांच एजेंसियों ने पहले तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे, लेकिन अब चारों आतंकियों की स्पष्ट तस्वीरें सार्वजनिक हो चुकी हैं। इससे सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के नेटवर्क को ट्रेस करने में मदद मिल रही है।