पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य इलाकों में भड़की हिंसा और हिंदुओं पर हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों का हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं । सुरक्षा एजेंसियों को मिल रहे इनपुट्स के मुताबिक वक्फ कानून की आड़ में बांग्लादेश के एसडीपीआई और अन्य कट्टरपंथी संगठनों जरिये हिंसा फैलाई गई ।
इसके लिए सीमा पार से युवाओं की घुसपैठ कराने की बात भी सामने आ रही है । पुलिस हिंसा फैलाने वाले स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी लोगों की भी पहचान और तलाश करने में जुटी है । हिंसा और आगजनी के मामले में अबतक 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है ।
बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की थी योजना
सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों की ओर से चलाए जा रहे मदरसों में बड़ी संख्या में युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है । ट्रेनिंग के बाद इन्हे अराकता फैलाने के लिए भारत में भेजा जाता है । इसमें स्थानीय नेटवर्क मदद करते हैं । बताया जाता है कि हिंदुओं को निशाना बनाने के साथ-साथ इन्हे पुलिस पर भी हमले के लिए निर्देश दिए गए थे । इन युवाओं को वक्फ कानून के नाम पर भड़काया गया ।
कट्टरपंथी संगठनों का गढ़ बन गया है मुर्शिदाबाद

मुर्शिदाबाद मुस्लिम बहुल जिला है और बांग्लादेश की सीमा से जुड़ा हुआ है । यहां एसडीपीआई का काफी प्रभाव बताया जाता है । एक समय था जब कट्टरपंथी संगठन सिमी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सबसे अधिक सक्रिय थी । जब इस पर प्रतिबंध लगा तो इससे जुड़े लोग पीएफआई में शामिल हो गए ।
बताया जाता है कि यही लोग एसडीपीआई से भी जुड़े हुए हैं । इनके अलावा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जेसे कट्टरपंथी संगठन भी सीमा से जुड़े इलाकों में काफी सक्रिय हैं ।
सामान्य हो रहे हालात, अफने घर वापस लौट रहे परिवार- पुलिस
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में हालात को सामान्य करने की दिशा में प्रयास जारी है । उन्होंने बताया कि अब तक 19 परिवार अपने घर लौट चुके हैं । मालदा और मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं ।
मुस्लिम उपद्रवियों के हमले से डरकर सैकड़ो परिवार अपना घरबार छोड़ मुर्शिदाबाद से मालदा जिले में पलायन कर गए हैं । हालांकि पुलिस भरसा दिलाने की कोशिश कर रही है परन्तु फिर से हमलों की आशंका से लोग अपने घर वापस लौटने से डर रहे हैं ।
जावेद शमीम ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को नहीं बख्शा जाएगा । उन्होने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की है । गौरतलब है कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और आसपास के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिंसा का नंगा खेल खेला गया । इस दौरान सिर्फ सड़कों पर ही आगजनी और तोड़फोड़ नहीं हुई बल्कि चुन-चुन कर हिंदुओं के घरों और उनके दुकानों को निशाना बनाया गया ।
इस दौरान महिलाओं के साथ भी बदसलूकी की गई । हिंसा की घटनाओं में चार लोग मारे गए । त्रिपुरा और असम में भी हिंसा और अराजकता फैलाने की भरपूर कोशिश की गई लेकिन वहां की सरकारों के सख्त एक्शन की वजह से देश विरोधी ताकतें नाकाम रही ।