कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव में वोट चुराने का आरोप लगा रहे हैं । महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा और कर्नाटक तक में फर्जी वोटर्स को शामिल किये जाने की बात कह रहे हैं और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण ( एसआईआर ) के मुद्दे पर विपक्ष को लामबंद कर मुहिम छेड़ रखी है ।
परन्तु वोटर लिस्ट को लेकर चल रही राजनीति में बुधवार को नया ट्विस्ट आ गया जब भाजपा ने कांग्रेस नेता और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी पर बेहद गंभीर आरोप लगाया । इसके जरिए भाजपा ने न सिर्फ कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है बल्कि राहुल गांधी पर भी करारा हमला बोला है । भाजपा ने दावा किया है कि सोनिया गांधी जब भारत की नागरिक नहीं थीं तब भी उनका नाम भारत की वोटर लिस्ट में जोड़ दिया गया था ।
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सोनिया गांधी का नाम 1980 की मतदाता सूची में दर्ज था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 1983 में हासिल की थी। अनुराग ठाकुर ने इसे चुनावी कानूनों का खुला उल्लंघन बताया।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अनुराग ठाकुर के आरोप को आगे बढ़ाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 1980 की वोटर लिस्ट की एक प्रति साझा की है। यह सूची नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित मतदान केंद्र संख्या 145 की बताई गई है । इसमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, मेनका गांधी और सोनिया गांधी के नाम शामिल हैं।

बिना नागरिकता के दो बार नाम जोड़ा गया – बीजेपी
अमित मालवीय का आरोप है कि उस समय सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं, फिर भी उनका नाम मतदाता सूची में शामिल था। उन्होंने कहा कि मामला सामने आने के बाद जब इसका विरोध शुरू हुआ तो 1982 में उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से जोड़ दिया गया।
मालवीय ने बताया कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारतीय नागरिकता मिली, जबकि वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की अंतिम तारीख 1 जनवरी 1983 थी। इस लिहाज से, उनका नाम दो बार बिना वैध नागरिकता के जोड़ा गया, जो कि कानून के अनुसार गलत है।
भाजपा नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि सोनिया गांधी ने 1968 में राजीव गांधी से शादी की, लेकिन भारतीय नागरिकता 15 साल बाद ही क्यों ली? अमित मालवीय ने कहा कि सोनिया गांधी का भारत की वोटर लिस्ट से जुड़ाव हमेशा से नियमों के उल्लंघन से भरा रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि शायद इसी वजह से वह 'SIR' ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न) का विरोध करते हैं और अवैध वोटरों को वैध बनाने की वकालत करते हैं।
बता दें कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक ही वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करा सकते हैं। भाजपा का कहना है कि जब सोनिया गांधी का नाम पहली बार वोटर लिस्ट में जोड़ा गया था, उस समय वे भारतीय नहीं, बल्कि इटली की नागरिक थीं।