पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में वक्फ बिल को लेकर फैली अशांति और राजनैतिक उठा-पटक के बीच एक ऐसी खबर आई जिसने बहुत से लोगों को सुखद एहसास दिया है । एक ऐसी शादी जिसकी पूरे बंगाल मे न सिर्फ चर्चा हो रही है बल्कि बधाईयों का तांता भी लग गया है ।
दरअसल पश्चिम बंगाल के बड़े बीजेपी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष 61 साल की उम्र में 18 अप्रैल 2025 को बीजेपी नेता रिंकू मजूमदार के साथ शादी के बंधन में बंध गए । रिंकू की उम्र 50 साल है और यह उनकी दूसरी शादी है जबकि दिलीप घोष की पहली शादी है । रिंकू मजूमदार का एक बेटा भी है जो आईटी सेक्टर में काम करता है । रिंकू बीजेपी महिला मोर्चा की सक्रिय सदस्य हैं ।
ममता बनर्जी ने भी दी बधाई, भेजे फूल और मिठाई

शादी के बाद दिलीप घोष को अपनी पार्टी ही नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की ओर से बधाई संदेश मिल रहे हैं । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिर्फ बधाई संदेश ही नहीं भेजे बल्कि फूल और मिठाई भी भिजवाई । हालांकि इन सबके बीच इस बात की भी काफी चर्चा रही कि बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी उन्हे बधाई देने नहीं पहुंचे ।
इस बारे पूछे जाने पर उन्होने कहा कि यह उनका निजी फैसला है और पार्टी ने उन्हे बधाई दी है । वह भी पार्टी का हिस्सा हैं । बता दें कि सुवेंदु अधिकारी और दिलीप घोष को प्रतिद्वंदी माना जाता है ।
मां की इच्छा पूरी करने के लिए की शादी
दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार की शादी उनके टाउन स्थित आवास पर बेहद सादगी और परंपरागत तरीके से संपन्न हुई । इस दौरान दोनों के पारिवारिक सदस्य और करीबी मित्र मौजूद रहे । दिलीप घोष ने बताया कि उन्होने अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए शादी की है । उन्होने कहा कि शादी के बावजूद वह राजनीति में पहले की तरह ही सक्रिय रहेंगे और पार्टी के लिए काम करते रहेंगे ।
वहीं रिंकू मजुमदार ने कहा कि वह पति के साथ राजनीति में भी कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी । रिंकु खुद भी राजनीति में सक्रिय हैं और माना जाता है कि इसी वजह से दोनों करीब आए । उनकी मुलाकात उस दौरान हुई थी, जब दिलीप घोष प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष थे और रिंकू महिला मोर्चा में काम कर रही थीं ।

दिलीप घोष का अबतक का राजनैतिक सफर
दिलीप घोष का जन्म 1 अगस्त 1964 को पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में हुआ था । वह लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सीधे-सीधे जुड़े रहे । काफी समय तक उन्होने प्रचारक के रुप में काम किया । वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबे समय तक जुड़े रहे और 2014 में बीजेपी में शामिल हुए ।
2015 में उन्हें पश्चिम बंगाल बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, और उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करते हुए 18 सीटें जीतीं । 2016 से 2021 तक दिलीप घोष खड़गपुर सदर से विधायक रहे और 2019 में मेदिनीपुर से सांसद चुने गए । दिलीप घोष अपनी संगठनिक क्षमता, अक्रामक राजनीति और बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं ।