शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला बोला । हालांकि उन्होंने सीधे-सीधे नाम नहीं लिया लेकिन इशारा साफ था । उन्होंने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार, शिक्षा व्यवस्था और क्षेत्रीय भाषा के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अस्पताल और कॉलेज जैसे संस्थान भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं । पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि जब-जब बेटियों के साथ अत्याचार हुआ, तब-तब टीएमसी सरकार ने न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश की । प्रधानमंत्री दुर्गापुर में एक कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित कर रहे थे । यहां उन्होंने 5400 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया ।
कोलकाता में गैंगरेप की घटनाओं पर उठाए सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो पार्टी “मां, माटी, मानुष” की बात करती है, आज उसी की सरकार में बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न केवल पीड़ा देती है, बल्कि आक्रोश से भर देती है । पीएम मोदी ने एक डॉक्टर बेटी के साथ हाल में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अस्पताल जैसी जगह पर भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में टीएमसी सरकार आरोपियों को बचाने में जुट गई।
प्रधानमंत्री कहा कि देश अभी इस घटना से उबरा भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक और बेटी के साथ गंभीर अपराध हुआ। इस मामले में भी आरोपियों का संबंध सत्तारूढ़ पार्टी से सामने आया । लोगों से आह्वान करते हुए पीएम ने कहा कि बंगाल को इस अन्याय और अत्याचार से मुक्त कराना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता बदलाव चाहती है और अब उसे एक ईमानदार और विकासशील सरकार की जरूरत है।
भाषाई अस्मिता के सवाल पर ममता के साथ अन्य पार्टियों को भी घेरा
भाषा के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने टीएमसी पर हमला बोला । उन्होंने कहा कि टीएमसी, वाम दलों और कांग्रेस ने वर्षों तक दिल्ली में साथ मिलकर सरकार चलाई, लेकिन तब किसी ने बंगाली भाषा की सुध नहीं ली। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ही वह पार्टी है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाया। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में ममता बनर्जी ने कोलकाता में बंगालियों के हित में एक मार्च निकाला था। उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी मजदूरों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था और खुद बारिश के बीच सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था।
शिक्षा व्यवस्था और युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीएमसी सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार और अपराध के हवाले कर दिया है। उन्होंने कहा कि हजारों योग्य शिक्षक आज बेरोजगार हैं, क्योंकि शिक्षकों की नियुक्तियों में घोटाले और अनियमितताएं हुईं। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ इन शिक्षकों का बल्कि लाखों बच्चों का भविष्य भी प्रभावित हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा का यह हाल देखकर दुख होता है और अब समय आ गया है कि इस व्यवस्था में परिवर्तन लाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी ने राज्य के वर्तमान और भविष्य दोनों को संकट में डाल दिया है।
पलायन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कभी बंगाल ऐसा राज्य था, जहां देशभर से लोग काम की तलाश में आते थे। लेकिन आज यहां का युवा खुद दूसरे राज्यों में छोटे-मोटे काम करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंता का विषय है और इसे बदलना होगा।
भाजपा को एक मौका देने की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल को अगर आगे बढ़ाना है, तो टीएमसी की दीवार को गिराना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा एक ऐसी सरकार देगी जो काम करेगी, ईमानदारी से काम करेगी और मजबूती से फैसले लेगी । उन्होंने लोगों से कहा कि भाजपा को एक मौका दें और देखें कि कैसे बंगाल विकास की नई राह पर आगे बढ़ता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज जिन 5,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, वे बंगाल में बदलाव की शुरुआत का प्रतीक हैं । उन्होंने विश्वास जताया कि अगर जनता साथ दे तो बंगाल विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।