मिथुन ने फिर से की राष्ट्रपति शासन की मांग, कहा- सेना के बिना बंगाल में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं

Authored By: News Corridors Desk | 19 Apr 2025, 07:54 PM
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मशहूर फिल्म स्टार और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार फिर से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है । राज्य में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताते हुए उन्होने बंगाल की पुलिस -प्रशासन पर भी सीधा हमला बोला है । 

मिथुन चक्रवर्ती ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो केंद्र सरकार से कई बार बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की विनती कर चुके हैं और एक बार फिर से कर रहे हैं । उन्होने कहा कि यदि राष्ट्रपति शासन नहीं लगता है तो आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान 2 महीने के लिए राज्य में सेना की तैनाती जरूरी है।

किस बात का डर सता रहा है मिथुन चक्रवर्ती को ?

मिथुन चक्रवर्ती का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है । ऐसे में यदि  विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद से लेकर रिजल्ट आने के 1 महीने बाद तक बंगाल में सेना की तैनाती बेहद जरूरी है । इसके बिना राज्य में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता है । उन्होने कहा कि यदि चुनाव में बीजेपी जीतती है तो तो सड़कों पर और भी ज्यादा कत्ल-ए-आम होगा, जिस पर बिना सेना के काबू पाना संभव नहीं होगा । 

'बंगाल में अब हिंदू शरणार्थी बन गए हैं '

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भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वक्फ कानून के विरोध के नाम पर मुर्शिदाबाद, मालदा और अन्य जगहों पर जिस तरह से निर्दोष हिंदुओं पह हमले किए गए , उससे वह काफी चिंतित हैं । उन्होने कहा कि राज्य सरकार के रवैये की वजह से हिंदू अपने ही राज्य में शरणार्थी बन गए हैं । 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि यदि वो चाहें तो एक दिन में सब ठीक हो सकता है । परन्तु मुस्लिम वोटर्ट को खुश रखने के लिए हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर उन्होने चुप्पी साध रखी है और प्रशासन दंगाईयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है । 

गौरतलब है कि वक्फ ( संशोधन ) कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल के कई मुस्लिम बहुल इलाकों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंदू समुदाय के लोगों को हिंसा का शिकार बनाया गया । सबसे ज्यादा खराब हालात मुर्शिदाबाद में देखने को मिली जहां उपद्रवियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी । 

हिंसा में कई लोग घायल हुए और चुन-चुन कर घरों और दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई । इस दौरान सैकड़ों परिवार  जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर पड़ोस के मालदा जिले में पलायन कर गए । 

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं और लोग अपने घर लौट रहे हैं । परन्तु अब भी कई परिवार शिविरों में रह रहे हैं और अपने घर वापस लौटने में डर रहे हैं ।