संभल हिंसा की जांच रिपोर्ट:78 साल में 30% घटी हिंदू आबादी...दंगे और आतंकी नेटवर्क पर भी बड़ा खुलासा

Authored By: News Corridors Desk | 28 Aug 2025, 04:01 PM
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उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के बाद बनाई गई तीन सदस्यीय  जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है । हालांकि अभी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है । परन्तु सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक करीब 450 पन्नों की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं । 

रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल नगरपालिका क्षेत्र में आजादी के वक्त 45 प्रतिशत हिंदू आबादी थी जो 2025 में घटकर सिर्फ 15 प्रतिशत रह गई है । यानी पिछले 78 वर्षों में हिंदू जनसंख्या 30 प्रतिशत कम हो गई। इसकी एक बड़ी वजह संभल में होने वाले दंगों को बताया गया है । रिपोर्ट में जिले के दंगों के पूरे इतिहास की जानकारी भी दी गई है।

दंगों का इतिहास और आतंकी कनेक्शन

रिपोर्ट के अनुसार, संभल में आजादी के बाद से अबतक 15 दंगे हो चुके हैं । 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001 और 2019 में दंगे हुए। हर दंगे के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ा और जनसंख्या असंतुलन में इसका साफ दिखाई देने लगा ।

सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संभल में सिर्फ दंगे ही नहीं होते रहे है, बल्कि यहां से आतंकवादी गतिविधियां भी संचालित की जाती है ।  अलकायदा और हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों की जड़ें यहां तक फैली हुई थीं। अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित मौलाना आसिम उर्फ सना-उल-हक का संबंध भी इसी ज़िले से था। साथ ही,अवैध हथियारों और नारकोटिक्स की तस्करी करने वाले गिरोह भी लंबे समय से यहां सक्रिय थे जिनके खिलाफ प्रशासन ने कठोर कार्रवाई की है । 

'संभल में पूर्वनियोजित साजिश थी हिंसा'

संभल में हिंसा के बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के पूर्व जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। इस समिति में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एके जैन और अमित प्रसाद भी सदस्य थे। अपनी रिपोर्ट समिति ने बताया है कि,संभल के जामा मस्जिद में सर्वे होने की सूचना पहले से लीक हो गई थी । प्रशासन ने यह जानकारी जामा मस्जिद के प्रबंधन को दी थी, जिससे यह बात बाहर पहुंची और भीड़ इकट्ठा हो गई । रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हिंसा वाले इलाके में अवैध हथियार और नशीले पदार्थों की मौजूदगी पाई गई है।

सूत्रों के अनुसार, जांच समिति की रिपोर्ट में यह भी बड़ा खुलासा किया गया है कि 24 नवंबर की हिंसा पहले से प्लान की गई थी । सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, विधायक  इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल और जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के लोग इसमें प्रमुख भूमिका में थे।यह भी बताया गया है कि 22 नवंबर को मस्जिद में दिए गए भाषण में सांसद ने लोगों को उकसाया था ।

उन्होंने कहा था कि,' हम पुलिस-प्रशासन-सरकार से दबने वाले थोड़ी हैं, अरे हम इस देश के मालिक है नौकर, गुलाम नहीं हैं । मैं खुले रूप से कह रहा हूं कि मस्जिद थी, मस्जिद है, इंशा-अल्ला मस्जिद रहेगी कयामत तक। जिस तरह अयोध्या में हमारी मस्जिद ले ली गई, वैसा यहां नहीं होने देंगे।'

कैबिनेट के बाद विधानसभा में पेश की जाएगी रिपोर्ट

यह रिपोर्ट सबसे पहले राज्य कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद आगामी विधानसभा सत्र में इसे सदन में भी पेश किया जाएगा । रिपोर्ट में हिंसा के कारणों के साथ-साथ प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की भूमिका, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के सुझाव भी शामिल किए गए हैं।