जनता दल सेक्युलर ( जेडीएस ) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है । रेवन्ना देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं और हासन लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं । अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार, यौन शोषण, धमकी और डिजिटल अपराधों के गंभीर मामले में 1 अगस्त को दोषी करार दिया था और 2 अगस्त को सजा सुनाई गई है ।
बेंगलुरु की विशेष अदालत ने दो मामलों में रेवन्ना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और अन्य मामलों में कुल मिलाकर 11 लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है । यह पूरी राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी ।
कई धाराओं में सुनाई गई सजा
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे । सांसदों और विधायकों के लिए बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ रेप, आपराधिक धमकी और अंतरंग तस्वीरों के अवैध प्रसार सहित विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे ।
पीड़िता की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बीएन जगदीश ने अदालत को बताया कि पीड़िता के साथ बार-बार रेप किया गया, उसे ब्लैकमेल किया गया । यौन उत्पीड़न का वीडियो देखने के बाद तो उसने आत्महत्या करने पर भी विचार किया ।
क्या है पूरा मामला ?
हासन जिले के होलेनरसीपुरा में रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली 48 साल की महिला ने प्रज्वल पर बलात्कार, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए थे । पीड़िता के मुताबिक प्रज्वल रेवन्ना ने 2021 से उसके साथ बार-बार बलात्कार किया । इस दौरान उसने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की और किसी को इस बारे में बताने पर क्लिप को जारी कर देने की धमकी भी दी ।
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ पीड़िता द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के 14 महीने बाद यह फैसला आया है । सात महीने में ट्रायल पूरा हुआ । इस केस की सुनवाई 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी । जांच टीम ने इस मामले में 123 सबूत इकट्ठे किए और कोर्ट में 23 गवाहों की गवाही दर्ज की गई ।
साड़ी बनी अहम सबूत, पीड़िता ने वीडियो भी पेश किया
रेवन्ना के परिवार के फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली एक महिला ने पिछले साल अप्रैल में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी । उसने रेवन्ना पर 2021 से बार-बार रेप करने और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देने का आरोप लगाया था ।
पीड़िता ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया था और घटना के वक्त पहनी गई साड़ी को भी संभाल कर रखा था । जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के निशान मिले, जिसे अदालत में ठोस सबूत के रूप में पेश किया गया । अप्रैल 2024 में जब मामला सामने आया था,उस समय लोकसभा के चुनाव चल रहे थे । हासन लोकसभा क्षेत्र में मतदान से तीन दिन पहले 23 अप्रैल 2024 को सोशल मीडिया पर रेवन्ना का यौन उत्पीड़न करने वाले वीडियो सामने आने लगे थे ।
कई महिलाओं ने इस तरह के आरोप लगाए थे जिसके बाद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे । . महिलाओं ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन सांसद ने उन्हें यौन कृत्यों के लिए मजबूर किया गया और उसे रिकॉर्ड किया गया ।