सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हटाए गए बिहार के 65 लाख वोटरों की लिस्ट सार्वजनिक करेगा चुनाव आयोग

Authored By: News Corridors Desk | 14 Aug 2025, 06:03 PM
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बिहार में हाल ही में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान ( एसआईआर ) के दौरान मतदाता सूची से जिन 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी । चुनाव आयोग ने बताया कि यह जानकारी बूथ-वार तरीके से उपलब्ध कराई जाएगी ताकि हर व्यक्ति यह जान सके कि उसका नाम मतदाता सूची में है या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा की है । सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं का विवरण, कारण सहित प्रकाशित करे। अदालत ने यह भी कहा था कि मतदाताओं के नाम हटाए जाने के कारणों को पारदर्शी तरीके से सामने लाया जाना चाहिए, जैसे कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो, वह स्थानांतरित हो गया हो या फिर उसका नाम दो बार दर्ज हो गया हो।

ऑनलाइन और फिजिकल रूप में उपलब्ध होगी सूची

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह एसआईआर में वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों सूची सिर्फ ऑनलाइन नहीं, बल्कि फिजिकल रूप में भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसे हर मतदान केंद्र के बूथ स्तर अधिकारी यानी BLO के कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चिपकाया जाएगा। साथ ही, यह सूची ब्लॉक विकास कार्यालयों और पंचायत भवनों में भी लगाई जाएगी, ताकि गांव और शहर के लोग आसानी से यह जांच कर सकें कि उनका नाम वोटर लिस्ट में बरकरार है या नहीं।

इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए आयोग ने यह भी कहा है कि यह लिस्टआसान फॉर्मेट में उपलब्ध होगी ताकि आसानी से खोजा जा सके। इसका मतलब है कि लोग घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपने नाम की स्थिति जांच सकेंगे । साथ ही, हर नाम के आगे यह भी लिखा होगा कि वह नाम क्यों हटाया गया ।

यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसका नाम गलत तरीके से हटा दिया गया है, तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसके लिए उसे एक दावा फॉर्म भरना होगा और साथ में अपना आधार कार्ड भी जमा करना होगा। आयोग की ओर से सार्वजनिक नोटिस में यह जानकारी भी दी जाएगी कि किस प्रकार कोई व्यक्ति अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है।

विपक्ष की ओर से लगातार उठाया जा रहा है सवाल

एसआईआर के दौरान वोटर लिस्ट से हचाए गए लोगों के नामों को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं । कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं और कुछ अन्य संगठनों ने एसआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसपर सुनवाई चल रही है ।  

याचिकाकर्ता बिहार में चुनाव से ठीक पहले एसआईआर के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं । इसके साथ ही वो पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप भी लगा रहे हैं । उनका कहना है कि चुनाव आयोग की शर्तों और पारदर्शिता की कमी की वजह से बड़ी संख्या में गरीब लोग अपने मताधिकार से वंचित रह सकते हैं ।