राहुल के 'मैच फिक्सिंग' वाले बयान पर बीजेपी का पलटवार, सहयोगी दलों ने भी खोला मोर्चा

Authored By: News Corridors Desk | 07 Jun 2025, 05:26 PM
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 'फिक्सिंग' के राहुल गांधी के बयान पर राजनीति गरमा गई है । बीजेपी ने उनपर जोरदार पलटवार करते हुए हार की हताशा में संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाया है । राहुल ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने एक लेख में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने के लिए चरणबद्ध तरीके से धांधली का आरोप लगाया है । 

बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लगातार मिलने वाली हार से हताश होकर राहुल गांधी फर्जी नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में जे पी नड्डा ने कहा कि बार-बार बेनकाब होने के बावजूद, राहुल बेशर्मी से झूठ फैलाते रहते हैं । वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं,क्योंकि बिहार में उनकी हार तय है ।

देवेंद्र फड़नवीस ने भी राहुल पर कसा तंज 

बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी राहुल गांधी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने बिहार में चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली है । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर मतदाताओं के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक वह जमीन पर नहीं उतरेंगे और हकीकत नहीं समझेंगे, तब तक उनकी पार्टी हारती रहेगी । उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को नींद से जागना ही पड़ेगा । 

इससे पहले बीजेपी नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी के आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी । मालवीय ने राहुल के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि, कांग्रेस जब चुनाव जीतती है, तब उन्हें सिस्टम सही लगता है, लेकिन जब हार होती है, तो वे साजिश का रोना रोते हैं। अमित मालवीय ने कहा कि, 'यह जॉर्ज सोरोस की रणनीति है – संस्थाओं को कमजोर बनाओ और राजनीतिक लाभ उठाओ। लेकिन भारत का लोकतंत्र मजबूत है, और यहां का मतदाता बेहद समझदार है ।'

बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी राहुल को घेरा 

राहुल गांधी के आरोप पर बीजेपी की सहयोगी एलजेपी ( रामविलास) और एनसीपी ( अजित गुट) ने भी मोर्चा खोल दिया है । एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी ने बिहार में अपनी पार्टी की हार को अभी से मान लिया है ।

 चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी अब EVM का बहाना नहीं बना पा रहे हैं, इसलिए फर्जी वोटर बनाए जाने का नया बहाना लेकर आए हैं । 
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी राहुल गांधी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इतने बड़े नेता को ऐसी हल्की बातें नहीं करना चाहिए । प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जब खुद जीत जाते हैं तो सब अच्छा होता है. लेकिन हार जाते हैं तो ये सब बोलते रहते हैं । 

अपने लेख में राहुल ने क्या लिखा ?

राहुल गांधी ने अपने आर्टिकल यह दावा किया है कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए पांच स्तरों पर योजना बनाई गई । इसके लिए सरकार ने सबसे पहले चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया ।

राहुल का कहना है कि 2023 में केंद्र सरकार ने एक नया कानून लाकर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया। पहले इस प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का भी प्रतिनिधित्व होता था, लेकिन नए कानून में उन्हें हटाकर एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया में निष्पक्षता खत्म हो गई और सरकार का पलड़ा भारी हो गया ।

राहुल गांधी के मुताबिक इसके बाद मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए, जिससे मतदान प्रतिशत पर असर पड़ा और बीजेपी को फायदा मिला । कुछ क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत को जानबूझकर असली से अधिक दिखाया गया, ताकि फर्जी वोटिंग को वैध साबित किया जा सके।

महाराष्ट्र में हर जगह फर्जी वोटिंग नहीं कराई गई बल्कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी कमजोर थी, वहां इसका इस्तेमाल किया गया जिससे परिणाम बदल गए । राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी धांधली को छुपाने के आरोप लगाए हैं और कहा है कि अब बिहार चुनाव में भी ऐसा ही किये जाने की आशंका है ।