AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने "आई लव मुहम्मद" विवाद को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस देश में अगर कोई "आई लव मोदी" कहे तो किसी को समस्या नहीं होती, लेकिन "आई लव मुहम्मद" बोलते ही बवाल खड़ा कर दिया जाता है।
ओवैसी का बयान
ओवैसी ने कहा –
"इस मुल्क को कहां लेकर जाएंगे आप? अगर मैं मुसलमान हूं तो सिर्फ मुहम्मद साहब की वजह से हूं। उसके आगे और पीछे कुछ है ही नहीं। हिंसा की हम कोई भी समर्थन नहीं करते, लेकिन यहां हालत यह है कि आप प्रधानमंत्री का पोस्टर लगाइए तो खुशी, और अगर मैं अपने नबी का पोस्टर लगाऊं तो दिक्कत खड़ी कर दी जाती है।"
वीडियो क्लिप का जिक्र
ओवैसी ने कहा कि कई वीडियो क्लिप सामने आए हैं, जिनमें साफ दिख रहा है कि पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दुकानदारों ने प्रदर्शनकारियों पर फूल बरसाए और उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
उन्होंने सवाल उठाया कि –
"क्या पुलिस की जवाबदेही सिर्फ सत्ता में बैठे लोगों के प्रति है? क्या यह जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है?"
बरेली का ताज़ा विवाद
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के बरेली में इस मामले ने तूल पकड़ लिया। जुमे की नमाज़ के बाद एक मस्जिद के बाहर करीब 2,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए। वे "आई लव मुहम्मद" पोस्टर विवाद को लेकर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन रद्द होने से नाराज़ थे।
स्थिति बिगड़ने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, कई पुलिसकर्मी घायल हुए और हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक और धार्मिक बहस को और तेज कर दिया।
ओवैसी का सरकार सेसवाल
ओवैसी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति "मुहम्मद" नाम रखता है तो वह पैगंबर मोहम्मद के सम्मान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा – "अगर आप उनके नाम पर पोस्टर लगाएंगे तो उनका सम्मान भी करना होगा। मैं सरकार से पूछता हूं कि इतने सारे कानून क्यों बनाए जा रहे हैं और आखिर हो क्या रहा है?"
राजनीति में गर्माहट
ओवैसी के बयान के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर "धार्मिक असहिष्णुता" फैलाने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा नेताओं ने ओवैसी के बयान को "धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला" बताया।
"I love Muhammad" विवाद केवल एक नारे का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह धार्मिक अभिव्यक्ति बनाम प्रशासनिक कार्रवाई की बड़ी बहस में बदल चुका है। ओवैसी के तीखे सवालों ने इस मुद्दे को और राजनीतिक रंग दे दिया है।