अजीबो-गरीब बयान ! बिहार में बढ़ते अपराध का ADG ने जोड़ दिया किसानों से रिश्ता, भड़के डिप्टी सीएम

Authored By: News Corridors Desk | 17 Jul 2025, 05:26 PM
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पटना : शहर के एक नामी अस्पताल में खुलेआम गोलीबारी के बाद बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर चल रही बहस ने नया मोड़ ले लिया है । राज्य में लगातार बढ़ते अपराध पर राज्य के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन के एक बयान के बाद राजनीति गरमा गई है । उनके बयान पर विपक्ष से पहले राज्य के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ही भड़क गए हैं । दरअसल कुंदन कृष्णन ने बिहार में अपराध के बढ़ते आंकड़ों को खास महीनों में किसानों की बेरोजगारी से जोड़ दिया जिसके बाद एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया । 

ADG का विवादित बयान और डिप्टी सीएम का जवाब

ADG कुंदन कृष्णन ने बिहार में हाल के दिनों में लगातार बढ़ते आपराधों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि, अप्रैल, मई और जून के महीनों में जब किसानों के पास कोई खास काम नहीं होता, तब राज्य में अपराध बढ़ जाते हैं । लेकिन बारिश शुरू होते ही किसान कृषि कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं और तब अपराध में गिरावट आती है।

ADG कुंदन कृष्णन के इस बयान पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा उखड़ गए । उन्होंने कहा कि किसानों को इस तरह अपराध से जोड़ना न सिर्फ गलत है, बल्कि अपमानजनक भी है । विजय सिन्हा ने कहा, "किसान देश के लिए अन्न उगाता है, वह मेहनत करता है । किसान अपराधी नहीं है । जो मुफ्त में खाते हैं और खिलाते हैं, वो अपराध की बात करते हैं । डिप्टी सीएम ने कहा कि हमने नहीं सुना, पर एडीजी का बयान उचित नहीं है ।  

अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा - विजय सिन्हा 

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि, राज्य सरकार अपराध और माफिया गतिविधियों के खिलाफ जरा भी नरमी नहीं बरतने वाली है । उन्होंने कहा कि बालू माफिया के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई हुई है । पटना के उद्योगपति गोपाल खेमका  हत्याकांड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर भी किया गया । अपराधी जिस भाषा को समझता है, उसी भाषा में उसे जवाब मिलेगा।

विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि यह चुनावी साल है, इसलिए कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राज्य में कानून का राज कायम है और रहेगा। किसी भी आपराधिक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।

अपनी सरकार को क्लीन चिट देने में जुटे सत्ता पक्ष के नेता 

राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर जब सरकार घिरती नजर आ रही है तब एनडीए के कई नेता बचाव में सामने आ गए । हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने पारस अस्पताल में हुई हत्या पर कहा कि वह निजी अस्पताल था, और सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रबंधन की थी । उन्होंने कहा कि जिसकी हत्या हुई वह भी अपरादी प्रवृति का था और जो कुछ बी हुआ वह गैंगवार का हिस्सा  था । 

जेडीयू नेता ललन सिंह ने भी अपराध पर विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि आपसी विवादों में घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन सरकार तुरंत कार्रवाई कर रही है ।

चिराग ने उठाए सवाल 

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर की है । उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बिहार में अपराध बेलगाम हो गया है। अब अपराधी पुलिस और कानून को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। पुलिस की कार्यशैली समझ से परे है ।”

चिराग ने पारस अस्पताल में घटी गोलीबारी की घटना को सीधे-सीधे कानून को चुनौती बताया और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की । उन्होंने चेताया कि विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएं बेहद गंभीर हैं । बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब चिराग पासवान ने नीतीश सरकार में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं ।