उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में बड़ा झटका लगा है। शनिवार को अपर जिला जज, एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी तीन अर्जियों को खारिज कर दिया । कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई गई थी।
31 मई 2024 को मऊ की सीजेएम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराया था औऱ 2 साल की सजा सुनाई थी । इसके अगले ही दिन यानि 1 जून को उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
अब्बास अंसारी ने इस फैसले को जिला जज की अदालत में चुनौती दी थी और तीन अर्जियां दाखिल की थीं। इनमें उन्होंने अंतिम जमानत को नियमित करने, दोषसिद्धि पर रोक लगाने और सजा पर स्टे लगाने की मांग की थी।
कोर्ट ने खारिज की सभी अर्जियां
30 जून को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हुई थीं, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब्बास अंसारी और उनके परिवार को उम्मीद थी कि अदालत से उन्हे राहत मिल जाएगी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।
शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के जज राजीव कुमार वत्स ने फैसला सुनाया और अब्बास की सभी अर्जियां खारिज कर दीं । कोर्ट ने कहा कि उन्हें पहले ही इस मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन दोषसिद्धि और सजा पर कोई रोक नहीं लगेगी।
3 मार्च 2022 का है मामला
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान का है । 3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने मंच से कहा था कि चुनाव जीतने के बाद जब सपा की सरकार बनेगी अधिकारियों का "हिसाब-किताब" किया जाएगा और छह महीने तक उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगाई जाएगी । इस बयान को भड़काऊ और धमकी भरा मानते हुए चुनाव आयोग ने 24 घंटे का प्रचार प्रतिबंध भी लगाया था। इसके बाद मऊ कोतवाली में केस दर्ज किया गया था ।