वक्फ संशोधन बिल को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा में इस पर लंबी चर्चा के बाद देर रात 2:32 बजे मतदान हुआ, जिसमें बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। लोकसभा से पारित होने के अगले ही दिन यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया।
'वक्फ बिल से किसी मुसलमान का नुकसान नहीं होगा'
राज्यसभा में बहस के दौरान अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि इस संशोधन से किसी मुसलमान का नुकसान नहीं होगा, बल्कि करोड़ों गरीब मुसलमानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे मुस्लिम समुदाय को डराने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने सीएए का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी विपक्ष ने नागरिकता छिनने की आशंका जताई थी, जो गलत साबित हुई।
सरकार ने विपक्ष की चिंताओं को भी किया शामिल
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने चर्चा के दौरान उठाए गए कई बिंदुओं को स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि:
वक्फ संपत्तियों में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
कलेक्टर से ऊपर के अधिकारी को निर्णय लेने के लिए शामिल किया गया है।
ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होने चाहिए, यह सुझाव भी स्वीकार किया गया है।
मौजूदा वक्फ संपत्तियों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
मुसलमानों में गरीबी कांग्रेस की नीतियों की विफलता'
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 60 सालों तक शासन करने के बावजूद मुस्लिम समुदाय में गरीबी बनी रही, जो कांग्रेस की असफल नीतियों का परिणाम है। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी की सरकार अब उन कमियों को दूर कर रही है और यह बिल वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विपक्षी दलों ने इस बिल को लेकर आपत्ति जताई और इसे वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती करने वाला बताया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार बिना समुचित चर्चा के इसे पारित कर रही है और यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है।
जेपी नड्डा ने बिल को बताया राष्ट्रहित में उठाया कदम
राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन और गरीब मुस्लिम समुदाय को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लाया गया है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करते हुए आगे बढ़ रही है।
वक्फ संपत्तियों की स्थिति और आर्थिक प्रभाव
किरेन रिजिजू ने 2006 की कमेटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि उस समय देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी वार्षिक आय केवल 163 करोड़ रुपये थी। वर्तमान में, यह संख्या बढ़कर 8.72 लाख हो गई है, और अगर इनका सही प्रबंधन किया जाए तो हजारों करोड़ रुपये की आय हो सकती है, जिससे गरीब मुस्लिमों को फायदा होगा।