दिल्ली। केन्द्र सरकार विस्तारित उड़ान फ्रेमवर्क के माध्यम से अप्रैल 2027 के बाद उड़ान योजना को जारी रखने की नागर विमानन मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि पर्वतीय, उत्तर-पूर्वी और चाहने वाले क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी और लगभग 120 नए गंतव्यों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उड़ान योजना की नौवीं वर्षगांठ के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि उड़ान योजना को 21 अक्टूबर 2016 को राष्ट्रीय नागर विमानन नीति के अंतर्गत प्रारंभ किया गया था और यह एक परिवर्तनकारी पहल रही है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ और किफ़ायती बनाना है।
उन्होंने कहा कि 93 इस्तेमाल नहीं हो रहे या कम प्रयोग हो रहे हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 649 हवाई मार्ग चालू किये गये।
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को इस योजना के तहत शिमला और दिल्ली के बीच पहली उड़ान रवाना की थी।
इस योजना के अंतर्गत 15 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डों सहित 93 अप्रयुक्त और अल्प प्रयुक्त हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 649 मार्गों का संचालन शुरू किया गया है, जिससे 3.23 लाख उड़ान उड़ानों के माध्यम से 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों को लाभ हुआ है।
इस अवसर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष, सदस्यगण और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।