Top 10 Muslim Leaders: भारत के 10 ऐसे मुसलमान नेता, जिनके बयान बदल देते हैं चुनावों का रुख

Authored By: News Corridors Desk | 04 Apr 2025, 03:19 PM
news-banner
आज इस खबर में देश के उन 10 मुस्लिम नेताओं की बात करेंगे। जिनके बयान चुनावों का रुख बदल देते हैं और जिनका अंदाज मुसलमानों को खूब भाता है।

YBnk4Ow.jpeg

असदुद्दीन ओवैसी

15 मिनट दे दो बस बोलने वाले अकबरुद्दीन के भाई। पेशे से बैरिस्टर लेकिन धर्मनिरपेक्ष राजनीति करने वालों के लिए सबसे बड़ा डर बने हुए हैं। फिलहाल वक्फ संशोधन बिल को लेकर चर्चा में हैं
उनका कहना है कि ये विधेयक मुसलमानों पर सीधा हमला है और डरा रहे हैं वक्फ का नया बिल मुसलमानों से उनकी संपत्ति छीन लेगा। इनका असर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल तक
 नजर आता है। वैसे इनका गढ़ तेलंगाना और हैदराबाद है और खुद 4 बार से लगातार हैदराबाद से सांसद बन रहे हैं। भाई अकबरुद्दीन को भी हैदराबाद से लगातार चुनाव जितवाते हैं। इनकी 
पार्टी का नाम है AIMIM जिसकी स्थापना इनके दादाजी अब्दुल वाघ ओवैसी ने 18 सितंबर 1957 में की थी। 

VoTc3tt.jpeg

फारूक अब्दुल्ला

महाराष्ट्र से बिहार तक औरंगजेब को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच, फारूक अब्दुल्ला ने एक बयान दिया। कहा- बीजेपी मुगलों के नाम को इतिहास से मिटाना चाहती है, लेकिन वो इतिहास को बदल नहीं सकते। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अधिकतर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं। जनवरी 2025 में, उन्होंने कटरा में एक आश्रम में भजन गाया, जिसमें 'तूने मुझे बुलाया शेरावालिये' गीत गाते हुए दिखाई दिए थे। फारूक अब्दुल्ला ने 1982 में जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और इसके बाद 1996, 2002, और 2008 में भी मुख्यमंत्री पद रहे। वो नेशनल कॉन्फ्रेंस  पार्टी के सदस्य और अध्यक्ष हैं। वो जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं में से एक हैं।

mu9dNao.jpeg

महबूबा मुफ़्ती

ईद के मौके पर महबूबा मुफ्ती ने  फिलिस्तीन के मुद्दे पर एक बयान दिया। जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनियों के समर्थन दिया था। हाल ही में, उन्होंने भारत और बांग्लादेश के बीच समानताओं पर टिप्पणी की थी,उन्होंने कहा था कि यदि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं, तो भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं दिखता। जिससे राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई थी।महबूबा मुफ्ती, जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  की अध्यक्ष हैं। महबूबा मुफ्ती ने 2016 में पिता के मौत के बाद पीडीपी की कमान संभाली और बाद में बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई। साल 2016 से 18 तक महबूबा मुफ्ती कश्मीर की मुख्यमंत्री रहीं। साल 2018 में महबूबा मुफ्ती ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया।

gfLJVNL.jpeg

आजम खान

कभी यूपी की पुलिस भैंस ढूंढने में लगी थी वो भी किसकी तो आज़म खान की। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। कभी डीएम से जूते साफ करवाने की बात करते हैं तो कभी पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी कर देते हैं खैर आजकल उनके ही घर में उनको नहीं सुना जा रहा है, लेकिन एक दौर था जब रामपुर में उनकी पैठ थी। वो रामपुर से लंबे समय तक सांसद रहे हैं और रामपुर जिले में समाजवादी पार्टी का मजबूत आधार बनाकर राजनीति करते आए हैं।

VwrPW9x.jpeg

अफजाल अंसारी

समाजवादी पार्टी  के गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। हाल के कुछ विवादित बयानों में शामिल हैं जैसे महाकुंभ कहा था कि 'ऐसे तो नरक में कोई बचेगा नहीं, स्‍वर्ग हाउसफुल हो जाएगा' वहीं इस विवादित टिप्पणी को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बताते चलें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में अफजाल अंसारी सांसद निर्वाचित हुए हैं। 2024 के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे।अफजाल अंसारी 2019 और 2024 में सांसद अलग-अलग कि चुनावी सिंबल पर सांसद निर्वाचित हुए है।

y25vNGo.jpeg

अमानतुल्लाह खान

दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं अमानतुल्लाह खान। इनकी छवि दबंग वाली है। आरोप अपराधी को भगाने के तो हैं ही। हिन्दू आतंकवाद जैसे विवादित बयान भी देते रहे हैं। कई बार अमानतुल्लाह खान की आलोचना होती है। दिल्ली वक्फ बोर्ड के सदस्य भी हैं और वक्फ बिल के खिलाफ भी हैं। दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी नियुक्तियों और पैसे की गड़बड़ी के आरोप में ईडी के केस भी अमानतुल्लाह के खिलाफ चल रहे हैं। अमानतुल्लाह पर कई थानों में केस दर्ज है।

L28XfpE.jpeg

इकरा हसन 

कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद हैं इकरा चौधरी जिन्हें इकरा हसन के नाम से भी जानते हैं। सम्भल में होली से पहले विवाद हो या ईद की नमाज सड़क पर पढ़ने की मनाही। इकरा हसन हर विवाद पर बोलती हैं और विरोध करती हैं। समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है और इकरा भी वक्फ बिल के खिलाफ हैं और बिल को मुस्लिमों का वजूद मिटाने वाला बता चुकी हैं। ईद पर इकरा के बयान का उत्तराखंड में भी खूब विरोध हुआ है। इकरा हसन के दादा, पिता और मां भी राजनीति से जुड़े रहे हैं और उनके भाई नाहिद हसन विधायक हैं।

vVFTvIt.jpeg

बदरुद्दीन अजमल

'हिन्दू 40 साल से पहले गैरकानूनी तरीके से 1,2,3 बीवियां रखते हैं' ये हैं  बदरुद्दीन अजमल। जो एक भारतीय मुस्लिम नेता और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष हैं। उनके बयान हमेशा चर्चा में रहते हैं कुछ दिन पहले जब दिल्ली का चुनाव  था तो उस वक्त  बदरुद्दीन अजमल ने एक वीडियो जारी किया और दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया।साथ- साथ ही उन्होंने एक और बयान दिया था नई संसद की इमारत वक्फ की जमीन पर बनी है। बदरुद्दीन अजमल राजनीतिक रूप से असम में काफी लोकप्रिय हैं। अपनी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों की वजह से असम के  मुसलमानों में  काफ़ी लोकप्रिय हैं। लोग उन्हें एक राजनेता के साथ-साथ इस्लामिक गुरु के तौर पर भी देखते है।

mMFcBsX.jpeg

गुलाम नबी आज़ाद

आजकल देश में वक्फ कानून एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जिसको लेकर गुलाम नबी आज़ाद  ने कई बार अपनी चिंता जाहिर कि थी खासकर जब वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन और उपयोग को लेकर सवाल उठाए थे। गुलाम नबी आज़ाद ने वक्फ संपत्तियों पर गलत कब्जे का मुद्दा भी कई बार उठाया था। गुलाम नबी आज़ाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था और अपनी नई पार्टी की स्थापना की थी। वो कांग्रेस पार्टी के महासचिव और कांग्रेस पार्टी के जम्मू और कश्मीर के प्रभारी भी रहे हैं। इसके अलावा, वो केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। गुलाम नबी आज़ाद जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे 2005 में उन्होंने इस पद की शपथ ली थी।

K1dnGQF.jpeg

राशिद अल्वी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी वक्फ संपत्तियों से लेकर एनडीए के कई नेताओं पर निशाना साधते हुए मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते रहे  हैं। उन्होंने रमजान में रोजा और नवरात्रि में व्रत को लेकर जारी बयानबाजी पर भी भाजपा पर निशाना साधा। राशिद अल्वी को लोकसभा में सांसद के रूप में चुना गया। उन्होंने 2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए जीत दर्ज की। बता दें की वो उत्‍तर प्रदेश के अमरोहा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हैं।